अभिज्ञान शाकुंतलम
अभिज्ञान शाकुंतलम
₹175.00
In stock
कालिदास सम्राट विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक थे उन्हें संस्कृत-साहित्य में मूर्धन्य कवि माना जाता है। उनकी सभी काव्य-कृतियां काव्य-मनीषियों द्वारा प्रशंसित हुई हैं पर उनकी नाट्यकृति –अभिज्ञान शाकुन्तलम’ में उनकी साहित्यिक प्रतिभा ने जो कमाल दिखाया है, वह बेजोड़ है।
इस कृति का विश्व की कई अन्य भाषाओं में अनुवाद हो चुका है और उन भाषाओं के रसिक इसका आनंद ले रहे हैं।
कालिदास की इस अमर एवं अप्रतिम कृति का यह हिन्दी अनुवाद हिन्दी के रसिक पाठकों के लिए प्रस्तुत है।
Additional information
Author | Ashok Kaushik |
---|---|
ISBN | 8171827594 |
Pages | 184 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171827594 |