वर्तमान काव्य-जगत के यशस्वी युवा कवि डा. प्रवीण शुक्ल की नवीनतम् सद्यः प्रकाशित काव्य-कृति ‘आकाश देखते हुए’ आप सुधी पाठकों के हाथों में है। आज के काव्य-संसार में डा. प्रवीण शुक्ल को एक विशेष प्रातिभ रचनाकार के रूप में जाना जाता है। उन्हें काव्य की अनेकानेक विधाओं पर पूर्ण अधिकार प्राप्त है। उनके इस काव्य-संग्रह में ‘छन्दयुक्त’ एवं ‘छन्दमुक्त’ दोनों ही विधाओं की रचनाएँ संग्रहीत हैं, और दोनों ही विधाओं पर उनकी महारत देखते ही बनती है। निश्चय ही कविता अपने इस विशिष्ट प्रातिभ कवि से मनचाही उमींदें बाँध सकती है। ‘आकाश देखते हुए’ जैसी भव्य,सर्वथा सार्थक तथा प्रत्येक दृष्टि से संग्रहणीय काव्य-कृति के सृजन से हिंदी काव्य जगत का प्रत्येक पाठक प्रभावित होगा। काव्य की इस अनूठी कृति ‘आकाश देखते हुए’ को पढ़ने के बाद आप अपने अंदर आनंद की एक लग अनुभूति महसूस करेंगे।
आकाश देखते हुए – काव्य-संग्रह (AAKASH DEKHTE HUE – Poetry Collection)
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वर्तमान काव्य-जगत के यशस्वी युवा कवि डा. प्रवीण शुक्ल की नवीनतम् सद्यः प्रकाशित काव्य-कृति ‘आकाश देखते हुए’ आप सुधी पाठकों के हाथों में है। आज के काव्य-संसार में डा. प्रवीण शुक्ल को एक विशेष प्रातिभ रचनाकार के रूप में जाना जाता है। उन्हें काव्य की अनेकानेक विधाओं पर पूर्ण अधिकार प्राप्त है। उनके इस काव्य-संग्रह में ‘छन्दयुक्त’ एवं ‘छन्दमुक्त’ दोनों ही विधाओं की रचनाएँ संग्रहीत हैं, और दोनों ही विधाओं पर उनकी महारत देखते ही बनती है। निश्चय ही कविता अपने इस विशिष्ट प्रातिभ कवि से मनचाही उमींदें बाँध सकती है। ‘आकाश देखते हुए’ जैसी भव्य,सर्वथा सार्थक तथा प्रत्येक दृष्टि से संग्रहणीय काव्य-कृति के सृजन से हिंदी काव्य जगत का प्रत्येक पाठक प्रभावित होगा। काव्य की इस अनूठी कृति ‘आकाश देखते हुए’ को पढ़ने के बाद आप अपने अंदर आनंद की एक लग अनुभूति महसूस करेंगे।
Additional information
Author | Dr. Praveen Shukla |
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ISBN | 9789352969296 |
Pages | 104 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 9352969294 |
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