देवभूमि उत्तराखण्ड और देवात्मा हिमालय को अपना आदर्श मानने वाले सुप्रसिद्ध कवि, कथाकार और साहित्यकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ सम्भवतः एक ऐसे व्यक्तित्व हैं, जो साहित्य और राजनीति का अद्भुत संगम है। विपरीत धरा की दोनों विधओं में उन्होंने सफलता के उच्च आयाम स्थापित किये हैं।
उनकी देशभक्ति से ओतप्रोत कविताओं, मर्मस्पर्शी उपन्यासों तथा कहानियों में जहाँ युवाओं के लिए प्रेरणा का अक्षय स्रोत भरा पड़ा है, वहीं नन्हें पाठकों के लिये सरल और सुबोध् भाषा में लिखी गई उनकी कहानियो में जीवन के आदर्शों की सीख के साथ-साथ मनोरंजन और ज्ञान का भण्डार भरा पड़ा है।
मूलरूप से शिक्षक और पत्राकार ‘निशंक’ को देश और विदेश में कई राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं। डायमंड बुक्स द्वारा प्रकाशित इनकी बाल कहानियाँ ‘‘आओ सीखें कहानियों से’’ को बच्चों मे खूब लोकप्रियता मिली है। कर्मयोगी स्वामी विवेकानन्द के जीवन प्रबंधन पर लिखी आपकी पुस्तक काफी लोकप्रिय हुई है। आशा है कि सरल भाषा में लिखी गई स्वामी विवेकानन्द की सचित्रा जीवनी की यह पुस्तक माला बाल पाठकों के लिये निश्चित रूप से प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक सिद्ध होगी।
आगे बढ़ो स्वामी विवेकानंद
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देवभूमि उत्तराखण्ड और देवात्मा हिमालय को अपना आदर्श मानने वाले सुप्रसिद्ध कवि, कथाकार और साहित्यकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ सम्भवतः एक ऐसे व्यक्तित्व हैं, जो साहित्य और राजनीति का अद्भुत संगम है। विपरीत धरा की दोनों विधओं में उन्होंने सफलता के उच्च आयाम स्थापित किये हैं।
उनकी देशभक्ति से ओतप्रोत कविताओं, मर्मस्पर्शी उपन्यासों तथा कहानियों में जहाँ युवाओं के लिए प्रेरणा का अक्षय स्रोत भरा पड़ा है, वहीं नन्हें पाठकों के लिये सरल और सुबोध् भाषा में लिखी गई उनकी कहानियो में जीवन के आदर्शों की सीख के साथ-साथ मनोरंजन और ज्ञान का भण्डार भरा पड़ा है। मूलरूप से शिक्षक और पत्राकार ‘निशंक’ को देश और विदेश में कई राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं। डायमंड बुक्स द्वारा प्रकाशित इनकी बाल कहानियाँ ‘‘आओ सीखें कहानियों से’’ को बच्चों मे खूब लोकप्रियता मिली है। कर्मयोगी स्वामी विवेकानन्द के जीवन प्रबंधन पर लिखी आपकी पुस्तक काफी लोकप्रिय हुई है। आशा है कि सरल भाषा में लिखी गई स्वामी विवेकानन्द की सचित्रा जीवनी की यह पुस्तक माला बाल पाठकों के लिये निश्चित रूप से प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक सिद्ध होगी।
Additional information
Author | Dr. Ramesh Pokhriyal 'Nishank' |
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ISBN | 9789383990030 |
Pages | 200 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Publication |
ISBN 10 | 9383990031 |