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ईसप की मनोरंजक कहानियाँ

75.00

कोई ढाई हजार साल पहले यूनान में एक गुलाम था, ईसप। उसने दास-प्रथा के जुल्म और अत्याचार देखे तो उसका हृदय फूट-फूटकर रो पड़ा। उसके अनुभव अनूठी कहानियों की शक्ल में ढल गए। ईसप गली-गली घूमकर बच्चों को ये कहानियाँ सुनाता। वह जहाँ भी जाता, बच्चे कहानी वाले बाबा ईसप को घेर लेते और कहानी सुनाने की फरमाइश करते। देखते ही देखते ये सारी दुनिया में जा पहुँचीं।
हिंदी के जाने-माने साहित्यकार प्रकाश मनु ने ईसप की ढेर सारी कहानियों को एक नए और खूबसूरत कलेवर में पेश किया है। उन्होंने इतनी सुंदर और भावपूर्ण भाषा में इन्हें लिखा है कि बच्चे-बड़े सभी इन्हें चाव से पढ़ेंगे।

Additional information

Author

Prakash Mannu

ISBN

9788128833120

Pages

320

Format

Paper Back

Language

Hindi

Publisher

Jr Diamond

ISBN 10

812883312X

कोई ढाई हजार साल पहले यूनान में एक गुलाम था, ईसप। उसने दास-प्रथा के जुल्म और अत्याचार देखे तो उसका हृदय फूट-फूटकर रो पड़ा। उसके अनुभव अनूठी कहानियों की शक्ल में ढल गए। ईसप गली-गली घूमकर बच्चों को ये कहानियाँ सुनाता। वह जहाँ भी जाता, बच्चे कहानी वाले बाबा ईसप को घेर लेते और कहानी सुनाने की फरमाइश करते। देखते ही देखते ये सारी दुनिया में जा पहुँचीं।
हिंदी के जाने-माने साहित्यकार प्रकाश मनु ने ईसप की ढेर सारी कहानियों को एक नए और खूबसूरत कलेवर में पेश किया है। उन्होंने इतनी सुंदर और भावपूर्ण भाषा में इन्हें लिखा है कि बच्चे-बड़े सभी इन्हें चाव से पढ़ेंगे।

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