One life is not enough In Hindi
एक ही जिंदगी काफी नही
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तीन दशकों तक नौकरशाही की चोटी पर और बाद में 25 सालों तक हिन्दुस्तानी सियासत के नामचीन खिलाड़ी की हैसियत से चमचमाता कुंवर नटवर सिंह का कॅरियर आज़्ााद हिन्दुस्तान के नये दौर की बेरहम उठापटक ने तबाह कर दिया।
विदेश मामलों के मंत्रालय से संबद्धता के दौरान के.नटवर सिंह के नियत कार्यो में से एक चाऊ—एन—लाई के उस दुर्भाग्यपूर्ण भारत भ्रमण के दौरान उनसे संपर्क कायम रखना था, जिसके दौरान जवाहर लाल नेहरु और चाऊ—एन—लाई की आपसी बातचीत नाकाम होने का नतीजा भारत—चीन संबंधों के धराशायी होने और 1962 के युद्ध के रूप में निकला । 1971 में के.नटवर को पोलैंड में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया। वहां रहते हुए रणनीतिक महत्त्व के संवेदनशील दस्तावेजों का नयी दिल्ली स्थित सुरक्षा संस्थानों को हस्तांतरण कराके उन्होंने बांग्लादेश के सृजन में कोई मामूली योगदान नहीं किया। यह बात और है कि 1983 में राष्ट्रकुल देशों के शासनाध्यक्षों की बैठक और सातवें गुटनिरपेक्ष आन्दोलन शिखर सम्मेलन— इन दो बेहद महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों को के. नटवर सिंह की महानतम कामयाबियों में गिना जाता है।
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Author | K. Natwar Singh |
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ISBN | 9789351653929 |
Pages | 92 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 9351653927 |