ओशो के रस रंग में
ओशो के रस रंग में
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ओशो प्रेमियों के लिए स्वामी योग प्रीतम चिर-परिचित शख्यित हैं। उनके गीतों को ओशो ने दुलारते हुए अपने कई अमृत प्रवचनों में उनका उपयोग किया है। प्रीतम जी बहुत सहज, सरल, ईमानदार और प्यारे व्यक्ति हैं।
गाते-गाते प्रीतम जी की कविताएं भजन ही बन गई हैं। ओशो के सानिध्य में जो प्रेम, जो संगीत उन्हें रससिक्त बना गया, उसी में डूबकर उन्होंने यह अनमोल मोती ओशो के रस रंग में प्रस्तुत किये हैं। इसमें सहजता सरलता और ईमारदारी है। ईमानदारी इन अर्थों में क्योंकि इस रचना के द्वारा उन्होंने कहीं भी यह घोषणा नहीं की कि उन्हें कुछ उपलब्ध हो गया है अथवा वह संत बन गये हैं।
Additional information
Author | Yog Pritam |
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ISBN | 8171824994 |
Pages | 56 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171824994 |