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ओशो रस बरसे
Author | Gyan Bhed |
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ISBN | 8128809873 |
Pages | 322 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128809873 |
“ओशो रस बरसे” जीवन के अति महत्वपूर्ण किंतु उपेक्षित आयामों के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न कर विचार करने को निमंत्रण देती है। जीवन को उल्लास से पल्लवित करने हेतु सृजनात्मक दिशाओं की ओर इंगित करती है। इसका साहित्य, समाज का यांत्रिक मूक दर्पण मात्र नहीं है, जिसमें पाखण्डी समाज प्रतिबिम्बित होता हो, उसमें जीवन की उत्कर्षगामिनि प्रेरणाएं एवं अभीप्साएं भी है। उसमें मनुष्य के अभ्यंतर में निहित सत्यम् शिवम् सुरंदरम् को जगाने और उठाने की हृदयबेधी आत्मीय पुकार है।
पुस्तक की विषयवस्तु एक नहीं है। विषयवस्तु की दृष्टि से इसकी अनुक्रमणिका को तीन भागो में विभक्त किया जा सकता है।एक जिसमें सेक्स के प्रति गलत दृष्टिकोण, दूसरो जेन (झेन) का प्रादुर्भाव, उसका प्रसार, एतिहासिक स्वरूप आदि निरूपण है और तीसरा जो जीवन के विविध महत्त्व के विषयों पर प्रकाश डालता है। ISBN10-8128809873