“यह एक आनंद की बात है, हमारी विस्मृत हो रही धरोहर से हमारी आज की भाषा में हमारा एक बार फिर से परिचय करवा दिया है। जो आज तक संस्कृत में था, पाली में था, प्राकृत में था और दुरुह जिसकी टीकाएं-व्याख्याएं होती रही थीं, वह सारा ज्ञान सरल हिंदी और अंग्रेजी में हमें ऐसी जीवंतता के साथ ओशो ने उपलब्ध करवा दिया है कि हम उसकी मौलिकता को छू सकते हैं, उसकी ऊंचाई पर चढ़कर सांस ले सकते हैं। उसकी गहराईयों में उतर सकते हैं। इस पुस्तक में धनी धरमदास के पदों पर ओशो के ग्यारहअमृत प्रवचनों का संकलन है।
का सोए दिन रैन
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“यह एक आनंद की बात है, हमारी विस्मृत हो रही धरोहर से हमारी आज की भाषा में हमारा एक बार फिर से परिचय करवा दिया है। जो आज तक संस्कृत में था, पाली में था, प्राकृत में था और दुरुह जिसकी टीकाएं-व्याख्याएं होती रही थीं, वह सारा ज्ञान सरल हिंदी और अंग्रेजी में हमें ऐसी जीवंतता के साथ ओशो ने उपलब्ध करवा दिया है कि हम उसकी मौलिकता को छू सकते हैं, उसकी ऊंचाई पर चढ़कर सांस ले सकते हैं। उसकी गहराईयों में उतर सकते हैं। इस पुस्तक में धनी धरमदास के पदों पर ओशो के ग्यारहअमृत प्रवचनों का संकलन है।
Additional information
Author | Osho |
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ISBN | 8128803328 |
Pages | 368 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128803328 |