किरण बेदी

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आभार
हम आभारी हैं

1. अपने माता—पिता का आभार, जिन्होंने कड़े परिश्रम से हमारी उपलब्धियों का लेखा—जोखा रखा। आपने हमारे लिए इस पुस्तक का लेखन बहुत ही सरल कर दिया।
2. अपने परिजनों एवं मित्रों का आभार जिन्होंने बचपन की कहानियां और यादें साझा कीं।
3. किरण के प्रति आभार, जिन्होंने हमारे साथ अपनी निजी तस्वीरें बांटीं।
4. इंडिया विज़न फाउंडेशन, नवज्योति इंडिया फाउंडेशन तथा घर में सबके अथक प्रयासों के लिए आभार।
5. हमारे चित्रकार गिट्टू खलील का आभार, जिन्हाेंने हमारे बचपन की यादों को बहुत खूबसूरती से तस्वीरों के साथ पेश किया।
6. प्रकाशक नरेंद्र कुमार वर्मा जी का आभार, जिन्होंने किरण बेदी के जीवन व उपलब्धियों पर सीरीज तैयार करने का विचार दिया जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक धरोहर तैयार की जा सके।
7. अपने संपादक, डॉ. अमृता बहल और स्कूली बच्चों का आभार, जिन्होंने अपने विचार बांटे। उन्होंने युवा लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इस सीरीज के व्यापक संदेश पर ध्यान दिया।

लेखकों के विषय में
डॉ. रीता पेशावरिया मेननः उन्होंने एक लर्निंग डिसएबिलिटीज़ के क्षेत्र में प्रमुख मनोवैज्ञानिक होने के नाते, ऑटिज्म स्पैक्ट्रम डिसऑर्डर्स पर काम करते हुए, अनेक लोगों के जीवन को बदला है। उन्होंने फंक्शनल एनेलेसिस तथा बिहेवियर मॉडीफिकेशन (मानसिक रोग) पर अनेक पुस्तकें लिखी हैं। यह पुस्तक उन्हीं की संकल्पना है।

अनु पेशावरियाः चारों बहनों में सबसे छोटी अनु पेशावरिया सिएटल में रहती हैं। वे नेशनल टेनिस चैंपियन तथा विंबलडन की भूतपूर्व खिलाड़ी रही हैं और इन दिनों यू.एस. में इमीग्रेशन लॉ की प्रैक्टिस कर रही हैं।

संपादक के विषय में
डॉ. अमृता बहलः कोलंबिया विश्वविद्यालय के टीचर्स कॉलेज से स्नातक अमृता का मानना है कि शिक्षा तथा स्वास्थ्य ही वैश्विक मंच पर, किसी देश की सफलता की बुनियाद रख सकते हैं। दन दिनों, वे इन दिनों कार्पोरेट जगत से जुड़ी हैं ताकि इंपेक्ट असेसमेंट के निरीक्षण व मूल्यांकन संबंधी परामर्श दे सकें।

सीरीज के विषय में
यह मेरा सपना था कि मैं डॉ. किरण बेदी के जीवन पर एक चित्रकथा प्रकाशित करूं, जो युवाओं के लिए प्रेरणा व प्रोत्साहन का स्त्रोत बने। उन्होंने हमें सिखाया है कि समाज के कल्याण के लिए कार्य करते हुए उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की जा सकती हैं।

—नरेन्द्र कुमार वर्मा

Additional information

Author

डॉ रीता पेशावरिया मेनन और अनु पेशावरिया

ISBN

9789351654971

Pages

320

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

9351654974

आभार

हम आभारी हैं

1. अपने माता—पिता का आभार, जिन्होंने कड़े परिश्रम से हमारी उपलब्धियों का लेखा—जोखा रखा। आपने हमारे लिए इस पुस्तक का लेखन बहुत ही सरल कर दिया।
2. अपने परिजनों एवं मित्रों का आभार जिन्होंने बचपन की कहानियां और यादें साझा कीं।
3. किरण के प्रति आभार, जिन्होंने हमारे साथ अपनी निजी तस्वीरें बांटीं।
4. इंडिया विज़न फाउंडेशन, नवज्योति इंडिया फाउंडेशन तथा घर में सबके अथक प्रयासों के लिए आभार।
5. हमारे चित्रकार गिट्टू खलील का आभार, जिन्हाेंने हमारे बचपन की यादों को बहुत खूबसूरती से तस्वीरों के साथ पेश किया।
6. प्रकाशक नरेंद्र कुमार वर्मा जी का आभार, जिन्होंने किरण बेदी के जीवन व उपलब्धियों पर सीरीज तैयार करने का विचार दिया जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक धरोहर तैयार की जा सके।
7. अपने संपादक, डॉ. अमृता बहल और स्कूली बच्चों का आभार, जिन्होंने अपने विचार बांटे। उन्होंने युवा लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इस सीरीज के व्यापक संदेश पर ध्यान दिया।

लेखकों के विषय में

डॉ. रीता पेशावरिया मेननः उन्होंने एक लर्निंग डिसएबिलिटीज़ के क्षेत्र में प्रमुख मनोवैज्ञानिक होने के नाते, ऑटिज्म स्पैक्ट्रम डिसऑर्डर्स पर काम करते हुए, अनेक लोगों के जीवन को बदला है। उन्होंने फंक्शनल एनेलेसिस तथा बिहेवियर मॉडीफिकेशन (मानसिक रोग) पर अनेक पुस्तकें लिखी हैं। यह पुस्तक उन्हीं की संकल्पना है।

अनु पेशावरियाः चारों बहनों में सबसे छोटी अनु पेशावरिया सिएटल में रहती हैं। वे नेशनल टेनिस चैंपियन तथा विंबलडन की भूतपूर्व खिलाड़ी रही हैं और इन दिनों यू.एस. में इमीग्रेशन लॉ की प्रैक्टिस कर रही हैं।

संपादक के विषय में

डॉ. अमृता बहलः कोलंबिया विश्वविद्यालय के टीचर्स कॉलेज से स्नातक अमृता का मानना है कि शिक्षा तथा स्वास्थ्य ही वैश्विक मंच पर, किसी देश की सफलता की बुनियाद रख सकते हैं। दन दिनों, वे इन दिनों कार्पोरेट जगत से जुड़ी हैं ताकि इंपेक्ट असेसमेंट के निरीक्षण व मूल्यांकन संबंधी परामर्श दे सकें।

सीरीज के विषय में

यह मेरा सपना था कि मैं डॉ. किरण बेदी के जीवन पर एक चित्रकथा प्रकाशित करूं, जो युवाओं के लिए प्रेरणा व प्रोत्साहन का स्त्रोत बने। उन्होंने हमें सिखाया है कि समाज के कल्याण के लिए कार्य करते हुए उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की जा सकती हैं।

—नरेन्द्र कुमार वर्मा

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