चल ओशो के गांव में

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स्‍वामी ज्ञानभेद की नवीनतम कृति “चल ओशो के गांव में” पढ़ते हुए जब हम प्रकृति के रोमांच को अनुभव करते हैं, तो हमें लगता है कि शायद हम सब उस गांव को तलाश रहे हैं जहां पहुंच कर हम इस आपा-धापी के बुखार से मुक्‍त होकर श्‍वांस ले सकें। स्‍वामी ज्ञानभेद का यह ‘ओशो का गांव’ कहीं बाहर नहीं, हमारे ही भीतर है। वो हमारे हृदय का उन्‍मुक्‍त आकाश है जिस पर कोई पहरेदार नहीं है, हमारे सिवा।

ISBN10-8128806114

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