Chullu Bhar Gadha
चूल्लू भर घड़ा
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लोकप्रिय हास्य कविताओं में अच्छी कविताएं ढूंढना बहुत मुश्किल का काम है। आसानी से नहीं मिलती। लेकिन आनंद क्रांतिवर्धन की कविताएं इसका अपवाद है। उनके कविता संग्रह ‘चुल्लू भर गघा’ में हास्य व्यंग्य के साथ-साथ नई-नई तुलानाएं हैं, नई-नई उपमाएं हैं और सर्वज्ञात स्थितियों के नए-नए दृश्य हैं। इसके अलावा उनकी कविता लतीफों पर आधारित न होकर तथाकथित हास्य परंपरा से उपजी हैं। वे इसलिए अच्छी हैं क्योंकि जीवन की कर्मशालासे निकली हैं। आनंद क्रांतिवर्धन को साहित्य की सभी विधाओं पर महारथ हासिल है। साथ ही वे अच्छे वक्ता भी है।
Additional information
Author | Anand Kranti Vardhan |
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ISBN | 8128813595 |
Pages | 160 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128813595 |