जननायक राहुल गांधी

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अमेठी, नेहरू-गांधी परिवार की तपोभूमि है जिसके आभामंडल में इस परिवार की तीन पीढ़ियों की स्मृतियों की अनूठी ऊर्जा नृत्य करती हैं। फिर जिसे इन तीन पीढ़ियों को बहुत नजदीक से देखने का सुअवसर मिला हो उसके लिए तो यह स्मृतियां ही मूल संस्कार बन जाती हैं। राकेश पाण्डेय ने अपने किशोरवय से इन तीन पीढ़ियों को एक सतर्क साक्षीभाव से देखा है, आत्मीयता के कई बेशकीमती पलों को इनके साथ जिया है। स्वयं की चेतना में अनवरत हो रहे दिव्य-भव्य और नव्य उज्ज्वल स्मृतियों का मंगल-उत्सव है, इस पुस्तक का लिखना। किसी व्यक्तित्व को अपनी लेखनी का महानायक बनाने के लिए एक अहोभाव चाहिए। एक कृतज्ञ मन चाहिए। तब उसकी अनुभूति से अभिव्यक्ति उतनी ही स्वाभाविकता से निकलती है जैसे वृक्ष से पत्ते। यही स्वाभाविकता इस पुस्तक का आंतरिक सौंदर्य है। राहुल गांधी आज की राजनीति के आकाश के एक दमकता नक्षत्रा हैं। उनकी अपनी एक मौलिक सोच है, और एक कार्यशैली है। यह पुस्तक उनकी इसी सोच व कार्यशैली को रेखांकित करती है।
विश्व के अनेक देशों में हिंदी की कीर्ति पताका फहरा चुके हिंदी उद्यमी, प्रवासी संसार के यशस्वी संपादक राकेश पाण्डेय ने शिद्दत से महसूस की जा रही इस कमी को बड़े ही सार्थक ढंग से भर दिया है। यह पुस्तक एक जननायक की संकल्प यात्रा का जयघोष है और भविष्य की उज्ज्वलता को वर्तमान की आंखों से देखने-दिखाने का एक ईमानदार सारस्वत अभियान भी। शब्दों के मेहराब पर जगमग करती अनुभूतियां पाठकों को मुग्ध् तो करेंगी ही शोधेत्सुक संदर्भों में यह पुस्तक एक प्रामाणिक दस्तावेज भी सिद्ध होगी, यह असंदिग्ध् विश्वास के साथ कहा जा सकता है। बस एक बार इसे पढ़ने का मन तो बना लें…

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जननायक राहुल गांधी
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अमेठी, नेहरू-गांधी परिवार की तपोभूमि है जिसके आभामंडल में इस परिवार की तीन पीढ़ियों की स्मृतियों की अनूठी ऊर्जा नृत्य करती हैं। फिर जिसे इन तीन पीढ़ियों को बहुत नजदीक से देखने का सुअवसर मिला हो उसके लिए तो यह स्मृतियां ही मूल संस्कार बन जाती हैं। राकेश पाण्डेय ने अपने किशोरवय से इन तीन पीढ़ियों को एक सतर्क साक्षीभाव से देखा है, आत्मीयता के कई बेशकीमती पलों को इनके साथ जिया है। स्वयं की चेतना में अनवरत हो रहे दिव्य-भव्य और नव्य उज्ज्वल स्मृतियों का मंगल-उत्सव है, इस पुस्तक का लिखना। किसी व्यक्तित्व को अपनी लेखनी का महानायक बनाने के लिए एक अहोभाव चाहिए। एक कृतज्ञ मन चाहिए। तब उसकी अनुभूति से अभिव्यक्ति उतनी ही स्वाभाविकता से निकलती है जैसे वृक्ष से पत्ते। यही स्वाभाविकता इस पुस्तक का आंतरिक सौंदर्य है। राहुल गांधी आज की राजनीति के आकाश के एक दमकता नक्षत्रा हैं। उनकी अपनी एक मौलिक सोच है, और एक कार्यशैली है। यह पुस्तक उनकी इसी सोच व कार्यशैली को रेखांकित करती है।

विश्व के अनेक देशों में हिंदी की कीर्ति पताका फहरा चुके हिंदी उद्यमी, प्रवासी संसार के यशस्वी संपादक राकेश पाण्डेय ने शिद्दत से महसूस की जा रही इस कमी को बड़े ही सार्थक ढंग से भर दिया है। यह पुस्तक एक जननायक की संकल्प यात्रा का जयघोष है और भविष्य की उज्ज्वलता को वर्तमान की आंखों से देखने-दिखाने का एक ईमानदार सारस्वत अभियान भी। शब्दों के मेहराब पर जगमग करती अनुभूतियां पाठकों को मुग्ध् तो करेंगी ही शोधेत्सुक संदर्भों में यह पुस्तक एक प्रामाणिक दस्तावेज भी सिद्ध होगी, यह असंदिग्ध् विश्वास के साथ कहा जा सकता है। बस एक बार इसे पढ़ने का मन तो बना लें…

Additional information

Author

राकेश पाण्डेय

ISBN

9789351651789

Pages

24

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Publication

ISBN 10

9351651789