जयशंकर प्रसाद ग्रंथावाली भाग 4
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कविवर जयशंकर प्रसाद का काव्य साहित्य प्रारम्भिक रचनाओं से कामायनी के शिखर तक अपने समय की साहित्यिक उपलब्धि रहा है तो भावी पीढ़ी के लिए अनुकरण का स्रोत और गंभीर रचना की प्रेरणा है। उनकी मुख्य रचनाओं में झरना, आंसू, लहर और कामायनी तो अधिक चर्चित रही ही हैं। प्रारम्भिक रचनाएं भी उस काल के काव्य-शैशव और उसके सौष्ठव की अभिव्यक्ति करती हैं।
Additional information
Author | Jai Shankar Prasad |
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ISBN | 8128806572 |
Pages | 680 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128806572 |
कविवर जयशंकर प्रसाद का काव्य साहित्य प्रारम्भिक रचनाओं से कामायनी के शिखर तक अपने समय की साहित्यिक उपलब्धि रहा है तो भावी पीढ़ी के लिए अनुकरण का स्रोत और गंभीर रचना की प्रेरणा है। उनकी मुख्य रचनाओं में झरना, आंसू, लहर और कामायनी तो अधिक चर्चित रही ही हैं। प्रारम्भिक रचनाएं भी उस काल के काव्य-शैशव और उसके सौष्ठव की अभिव्यक्ति करती हैं। ISBN10-8128806572