राजन, सीतलवादी एक कंपनी में काम की तलाश में जाता है। वहां एक दिन रास्ते में वह एक लड़की से टकरा जाता है। जिसका नाम पार्वती है। वह दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं और शादी करना चाहते हैं। लेकिन जब यह बात लड़की के बाबा को पता चलती है। तो वह यह आघात बर्दाश्त नहीं कर पाते और मरने से पहले पार्वती का विवाह कंपनी के मैनेजर हरीश से तय कर जाते हैं। एक दिन रस्सी का पुल पार करते हुए हरीश का पैर फिसलता है और वह जाता है। पार्वती, राजन को हरीश की मौत का जिम्मेदार ठहराती है क्योंकि घटना के समय राजन भी वही मौजूद होता है। क्या वास्तव मे ही राजन हरीश की मौत का जिम्मेदार था? क्या पार्वती के विधवा होने पर राजन ने फिर उससे विवाह किया? क्या पार्वती ने अपने पति की मौत का बदला लिया? दो तड़पते दिलों की कहानी जिसे लोकप्रिय उपन्यासकार गुलशन नंदा ने लिखा है।
जलती चट्टान
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राजन, सीतलवादी एक कंपनी में काम की तलाश में जाता है। वहां एक दिन रास्ते में वह एक लड़की से टकरा जाता है। जिसका नाम पार्वती है। वह दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं और शादी करना चाहते हैं। लेकिन जब यह बात लड़की के बाबा को पता चलती है। तो वह यह आघात बर्दाश्त नहीं कर पाते और मरने से पहले पार्वती का विवाह कंपनी के मैनेजर हरीश से तय कर जाते हैं। एक दिन रस्सी का पुल पार करते हुए हरीश का पैर फिसलता है और वह जाता है। पार्वती, राजन को हरीश की मौत का जिम्मेदार ठहराती है क्योंकि घटना के समय राजन भी वही मौजूद होता है। क्या वास्तव मे ही राजन हरीश की मौत का जिम्मेदार था? क्या पार्वती के विधवा होने पर राजन ने फिर उससे विवाह किया? क्या पार्वती ने अपने पति की मौत का बदला लिया? दो तड़पते दिलों की कहानी जिसे लोकप्रिय उपन्यासकार गुलशन नंदा ने लिखा है।
Additional information
Author | Gulshan Nanda |
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ISBN | 8128814427 |
Pages | 72 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128814427 |