महात्मा गांधी के बाद पहली बार संसार ने किसी हिन्दुस्तानी को अगर इंसानियत का सच्चा पुजारी माना है तो वह हैं, कैलाश सत्यार्थी। वह विश्व स्तर पर आज बाल—दासता मुक्ति के महानायक बन चुके हैं। उनके जीवन और संघर्ष की दास्तान पढ़ कर शायद पहली बार आपको अहसास होगा कि संसार में बाल दासता के कितने आयाम हैं।
संसार में बच्चों से जुड़ी जितने किस्म की सामाजिक कुरीतियां हैं उन सबसे जूझने के लिए हर देश में कैलाश सत्यार्थी के एक अलग ही स्वरुप को जाना जाता है। बाल दासता मुक्ति, आल अधिकार आन्दोलन, बाल शिक्षा, बाल यौन शोषण मुक्ति, बाल रक्षा सामाजिक जागरूकता और इन सब विषयों पर लेख, साक्षात्कार तथा रेडियो—टेलिविजन वार्ताकार; हर बार दुनिया एक नए कैलाश सत्यार्थी से रूबरू होती है। कम लोग जानते हैं उनके विचारों ने कई राष्ट्राध्यक्षों को भी प्रभावित किया है। जानिये कैसे, एक साधारण इलेक्ट्रिकल इंजीनियर बना महामानव और बदलिए अपना भी जीवन…।