बाप रे बाप

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प्रदीप की हास्‍य रचनाओं की सबसे बड़ी खूबी हैं कि आपको हर तीसरी पंक्ति में ठहाका जरूर मिलेगा। कविता में बातचीत और बातचीत में कविता का रसीलापन उसे सहज ही प्राप्‍त है, वह बोलता रहेगा और आप हंसते रहेंगे, उसकी रेलयात्रा हो या ‘शवयात्रा’ दोनों पर समान रूप से ठहाके और तालियां देखी जाती हैं, हास्‍य और व्‍यंग्‍य दोनों पर उसका समान अधिकार काबिले दाद है——-

कविता की संवाद शैली और भाषाका रख-रखाव प्रदीप की अन्‍य शक्तियां हैं——

बाप रे बाप-0
बाप रे बाप
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Baap Re Baap Hindi

Additional information

Author

Pradeep Choube

ISBN

8128810995

Pages

156

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128810995