बेटो वाली विधवा पंडित अयोध्यानाथ का देहान्त हुआ तो सबने कहा ईश्वर आदमी को ऐसी ही मौत दे। चार जवान बेटे थे, एक लड़की थी। चारों लड़कों के विवाह हो चुके थे, केवल लड़की कुंवारी थी। सम्पत्ति भी काफी छोड़ी थी। एक पक्का मकान दो बगीचे, कई हजार के गहने और बीस हजार नकद। विधवा फूलमती को शक तो हुआ लेकिन जवान बेटों को देखकर उसे ढांढ़स हुआ। चारों लड़के एक से एक सुशील और बहुएं आज्ञाकारी। अयोध्यानाथ की मृत्यु के बाद चारों बेटों ने रंग दिखाना शुरू किया। उनकी कुटिलता और साजिश के आगे फूलमती असहाय होकर रह गयी। यहां तक कि बेटों ने अपनी छोटी बहन के लिए रखे रुपये भी हड़प लिए। स्थिति इतनी विकट हो गयी कि फूलमती जीते जी मृत हो गयी और एक दिन गंगा मैया ने उसे अपने आगोश में लेकर उसे इस जीवन से मुक्ति कर दिया। बेटों वाली विधवा के अतिरिक्त हम इस पुस्तक में मुंशी प्रेमचंद की अन्य कहानियों को भी शामिल कर रहे हैं जो न केवल सरल भाषा में लिखी गयी है बल्कि पढ़ने वालों को नई प्रेरणा और सीख देती है। हिन्दी साहित्य के यशस्वी लेखक मुशी प्रेमचंद की रचनाओं ने कोटिकोटि पाठकों के हृदय को छुआ है साथ ही साथ अन्य भाषाभाषियों को भी प्रभावित किया है। उनकी रचनाएं साहित्य की सबलतम निधि है। प्रेमचंद की सम्पूर्ण कहानियां मानसरोवर के आठ खंडों में प्रकाशित हैं।


बेटो वाली विधवा तथा अन्य कहानियाँ
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बेटो वाली विधवा: पंडित अयोध्यानाथ का देहान्त हुआ तो सबने कहा, ईश्वर आदमी को ऐसी ही मौत दे। चार जवान बेटे थे, एक लड़की थी। चारों लड़कों के विवाह हो चुके थे, केवल लड़की कुंवारी थी। सम्पत्ति भी काफी छोड़ी थी। एक पक्का मकान, दो बगीचे, कई हजार के गहने और बीस हजार नकद। विधवा फूलमती को शक तो हुआ लेकिन जवान बेटों को देखकर उसे ढांढ़स हुआ। चारों लड़के एक से एक सुशील और बहुएं आज्ञाकारी। अयोध्यानाथ की मृत्यु के बाद चारों बेटों ने रंग दिखाना शुरू किया।
ISBN10-9350832763
Additional information
Author | Prem Chand |
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ISBN | 9789350832769 |
Pages | 136 |
Format | Hard Bound |
Language | Hindi |
Publisher | Tiger Books |
ISBN 10 | 9350832763 |