Bhartiya Sanskriti, Sabhyata & Parampara
भारतीय संस्कृति सभ्यता एवं परम्परा
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भारतीय संस्कृति विश्व की अत्यन्त प्राचीन और श्रेष्ठ संस्कृति है। यह लौकिकता, अधिभौतिकता और भोगवाद की बजाय आध्यात्मवाद और आत्मतत्व की भावना पर केन्द्रित है, जिसका मूल लक्ष्य शान्ति, सहिष्णुता, एकता, सत्य, अहिंसा और सदाचरण जैसे मानवीय मूल्यों की स्थापना करके समस्त विश्व की आध्यात्मिक उन्नति करना है। इसमें सबके सुख के लिये, सबके हित में कार्य करने के उद्देश्य के साथ समस्त विश्व को अपना परिवार मानने की भावना अन्तर्निहित है।
स्वछन्दता और स्वार्थान्धता से अलग इसमें न्याय, उदारता, परहित और त्याग जैसे चारित्रिक गुणों के आधार पर आदर्श जीवन जीने और विश्व मानव को एक सूत्र में बाँधने की शक्ति है। सही मायनों में भारतीय संस्कृति मनुष्य जीवन को सार्थक करने का मूलमंत्र है।
भारतीय संस्कृति की मान्यता और परम्परा पूर्णरूप से वैज्ञानिक और तर्कसंगत हैं। इसमें अनगिनत विशेषतायें हैं। यह ऐसे मोतियों का महासागर है जिसे एक पुस्तक में समेटना सम्भव नहीं है, तथापि ऐसे ही कुछ मोतियों को पिरोकर इस पुस्तक रूपी माला में प्रस्तुत किया गया है।
Additional information
Author | Dr. Ramesh Pokhariyal 'Nishank' |
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ISBN | 9789351658061 |
Pages | 303 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 9351658066 |