महाकवि कालिदास द्वारा रचित ‘रघुवंशमहाकाव्य’ संस्कृत महाकाव्यों में उत्कृष्ट स्थान रखता है तभी तो ‘बृहद्त्रयी’ में इसका प्रथम स्थान है। कवि ने रघुकुल की परंपरा को इसी काव्य द्वारा उजागर किया है, इसमें रघुकुल की सर्वश्रेष्ठ परंपरा को बड़े ही सरल उपमापूर्ण शब्दों में बताया गया है। प्रस्तुत काव्य को हिंदी भावानुवाद द्वारा रघुकुल की मर्यादा व प्रजा के प्रति संवेदनात्मक संबंधों को पाठकों की सुविधा के लिए सरल शब्दों में लिखा गया है। इस पुस्तक में राजा दिलीप, रघु, अज, दशरथ, श्रीराम आदि कुल 28 पीढ़ियों के राजाओं की राज-व्यवस्था व लोकप्रियता पर प्रकाश डाला गया है।
रघुवंश
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महाकवि कालिदास द्वारा रचित ‘रघुवंशमहाकाव्य’ संस्कृत महाकाव्यों में उत्कृष्ट स्थान रखता है तभी तो ‘बृहद्त्रयी’ में इसका प्रथम स्थान है। कवि ने रघुकुल की परंपरा को इसी काव्य द्वारा उजागर किया है, इसमें रघुकुल की सर्वश्रेष्ठ परंपरा को बड़े ही सरल उपमापूर्ण शब्दों में बताया गया है। प्रस्तुत काव्य को हिंदी भावानुवाद द्वारा रघुकुल की मर्यादा व प्रजा के प्रति संवेदनात्मक संबंधों को पाठकों की सुविधा के लिए सरल शब्दों में लिखा गया है। इस पुस्तक में राजा दिलीप, रघु, अज, दशरथ, श्रीराम आदि कुल 28 पीढ़ियों के राजाओं की राज-व्यवस्था व लोकप्रियता पर प्रकाश डाला गया है।
ISBN10-8128811428
Additional information
Author | Mahakavi Kalidas |
---|---|
ISBN | 8128811428 |
Pages | 160 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128811428 |
SKU
9788128811425
Category Travel
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