शकील और कातिल की शायरी

50.00

शकी बदायूंनी को साहित्‍य की अच्‍छी सूच और शेर-ओ-शायरी से प्राकृतिक लगाव था। शकील ने अपने जाती तजुबार्त व मुशाहितदास से उर्दू शायरी को अलग राग-रंग बख्‍शने की कामयाब कोशिश की है। उनके कलाम में हर तरफ जिंदगी और उसका शऊर बिखरा हुआ है। कतील ने अपनी स्‍वाभाविक अपनी प्राकृतिक योग्‍यताओं से इस शायरी में भी एक क्रांति पैदा कर दी और फिल्‍मी शायरी को अदबी शायरी के निकट ला दिया।

Additional information

Author

Amar Dehlavi

ISBN

8128806424

Pages

160

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128806424

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Amar Dehlavi

ISBN

8128806424

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160

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Paperback

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शकी बदायूंनी को साहित्‍य की अच्‍छी सूच और शेर-ओ-शायरी से प्राकृतिक लगाव था। शकील ने अपने जाती तजुबार्त व मुशाहितदास से उर्दू शायरी को अलग राग-रंग बख्‍शने की कामयाब कोशिश की है। उनके कलाम में हर तरफ जिंदगी और उसका शऊर बिखरा हुआ है। कतील ने अपनी स्‍वाभाविक अपनी प्राकृतिक योग्‍यताओं से इस शायरी में भी एक क्रांति पैदा कर दी और फिल्‍मी शायरी को अदबी शायरी के निकट ला दिया।

ISBN10-8128806424

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