समर्थ भारत
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Samrath Bharat
Additional information
Author | Pankaj K. Singh |
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ISBN | 9789351656807 |
Pages | 32 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Powerlearning |
ISBN 10 | 9351656802 |
‘राष्ट्रधर्म’ को ही सर्वोच्च मानने वाले पंकज के. सिंह अगले एक दशक में भारत को वैश्विक मंच पर एक वास्तविक महाशक्ति और सिद्ध नेतृत्वकर्ता राष्ट्र के रूप में स्थापित होते देखना चाहते हैं। इसके लिए वे समस्त भारतीय नागरिकों का जाति—धर्म तथा भाषा की सीमाओं से मुक्त होकर एकमात्र ट्टराष्ट्रधर्म’ का अनुयायी बनने का आह्वान कर रहे हैंं। उनके अनुसार ट्टराष्ट्रधर्म’ ही सर्वोच्च धर्म है और ट्टभारतीय’ होना ही हमारी सर्वोच्च गौरवशाली पहचान है। प्रत्येक भारतीय नागरिक के यथेष्ट कर्मयोग और अनुशासित जीवन से सहज रूप में ही ट्टसमर्थ भारत’ का निर्माण किया जा सकता है। पंकज के. सिंह के अनुसार, भारत को अगले एक दशक में वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने की चुनौती कठिन अवश्य है, परंतु असंभव कदापि नहीं। देश के सवा सौ करोड़ भारतीयों का पुरुषार्थ मिलकर इसे संभव बना सकता है।
ISBN10-9351656802