समाचार पत्र प्रबंधन और प्रसार

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सूचना तंत्र का दायरा बढ़ रहा है। जिसमें समाचार-पत्रों की भूमिका काफी महत्‍वपूर्ण है। समाचार-पत्र निकालना जोखिम-भरा काम है। लेकिन बदलते दौर में यह काम काफी आसान हो गया है। नित नए समाचार-पत्रों का प्रकाशन हो रहा है। समाचार-पत्र पंजीकरण के लिए उसके प्रकाशन, प्रसार और आर्थिक तंत्र को कैसे मजबूती प्रदान की जाए इन्‍हीं सारे विषयों पर आधारित पुस्‍तक है समाचार-पत्र प्रबंधन और प्रसार। कुमार पंकज एक जाने-माने पत्रकार हैं। एक दशक से पत्राकारिता के क्षेत्र में सक्रिय कुमार पंकज के दो हजार से अधिक आलेख संवाद और समाचार प्रकाशिक हो चुके हैं। श्रमिक मुद्दों पर लेखन के लिए आपको छत्‍तीसगढ़ लेबर इंस्‍टीट्यूट की ओर से शहीद शंकर गुहा नियोगी पत्रकारिता सम्‍मान भी मिल चुका है। इसके अलावा एक्‍शन एंड इंटरनेशनल की फेलोशिप भी आप प्राप्‍त कर चुके हैं। इसके अतिरक्‍त इनकी रिपोर्टिंग, साक्षात्‍कार, प्रेस कानून एवं संविधान, प‍त्रकारिता में संवाद आदि पुस्‍तकें प्रकाशित हो चुकी है।

Additional information

Author

Kumar Pankaj

ISBN

8128818791

Pages

200

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128818791

सूचना तंत्र का दायरा बढ़ रहा है। जिसमें समाचार-पत्रों की भूमिका काफी महत्‍वपूर्ण है। समाचार-पत्र निकालना जोखिम-भरा काम है। लेकिन बदलते दौर में यह काम काफी आसान हो गया है। नित नए समाचार-पत्रों का प्रकाशन हो रहा है। समाचार-पत्र पंजीकरण के लिए उसके प्रकाशन, प्रसार और आर्थिक तंत्र को कैसे मजबूती प्रदान की जाए इन्‍हीं सारे विषयों पर आधारित पुस्‍तक है समाचार-पत्र प्रबंधन और प्रसार। कुमार पंकज एक जाने-माने पत्रकार हैं। एक दशक से पत्राकारिता के क्षेत्र में सक्रिय कुमार पंकज के दो हजार से अधिक आलेख संवाद और समाचार प्रकाशिक हो चुके हैं। श्रमिक मुद्दों पर लेखन के लिए आपको छत्‍तीसगढ़ लेबर इंस्‍टीट्यूट की ओर से शहीद शंकर गुहा नियोगी पत्रकारिता सम्‍मान भी मिल चुका है। इसके अलावा एक्‍शन एंड इंटरनेशनल की फेलोशिप भी आप प्राप्‍त कर चुके हैं। इसके अतिरक्‍त इनकी रिपोर्टिंग, साक्षात्‍कार, प्रेस कानून एवं संविधान, प‍त्रकारिता में संवाद आदि पुस्‍तकें प्रकाशित हो चुकी है।

ISBN10-8128818791

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