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अपनी इस पुस्तक में लेखक ने अपने एवं कुछ अन्य भक्तों के जीवन के उन बहुमूल्य और पावन क्षणों को एक प्रसाद रूपी माला पिरोने का एक सार्थक काम किया है उन्हें अपने गुरु महाराज की असीम कृपा से, एक अमूल्य निधि के रूप में प्राप्त हुये हैं।
वो सभी घटनायें जो अभी तक लेखक के साथ एवं कुछ अन्य भक्तों के साथ घटित हुयी हैं, वे साईं महाराज के अलौकिक चमत्कारों की प्रतिभूत है। उनमें से कुछ प्रमुख घटनाओं को लेखक ने इस पुस्तक में, क्रम से लेखनीबद्ध करने का प्रयास किया है।
सुशील भारती
Author | Sushil Bharti |
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ISBN | 8171821901 |
Pages | 282 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171821901 |
अपनी इस पुस्तक में लेखक ने अपने एवं कुछ अन्य भक्तों के जीवन के उन बहुमूल्य और पावन क्षणों को एक प्रसाद रूपी माला पिरोने का एक सार्थक काम किया है उन्हें अपने गुरु महाराज की असीम कृपा से, एक अमूल्य निधि के रूप में प्राप्त हुये हैं।
वो सभी घटनायें जो अभी तक लेखक के साथ एवं कुछ अन्य भक्तों के साथ घटित हुयी हैं, वे साईं महाराज के अलौकिक चमत्कारों की प्रतिभूत है। उनमें से कुछ प्रमुख घटनाओं को लेखक ने इस पुस्तक में, क्रम से लेखनीबद्ध करने का प्रयास किया है।
सुशील भारती