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सिद्धांत रहस्‍य

60.00

भक्ति हर एक जीव कर सकता है। भक्ति सहज और सरल है। कलियुग में भक्ति श्रेष्‍ठ है। अन्‍य मार्ग का कोई खंडन-मंडन नहीं है और न ही टीका-तुलना। कितने लोग कर्मकांड कर सकते हैं। क्‍या आपके पास फुर्सत है। ज्ञान मार्ग के लिए तीव्र वैराग्‍य चाहिए। जबकि भक्ति मार्ग में तीव्र प्रेम चाहिए। भक्ति के इन्‍हीं सिधांतों के रहस्‍य को पूज्‍य किरीट भाई ने इस पुस्‍तक द्वारा सबके सामने लाने की कोशिश की है।

Additional information

Author

Kirit Bhai

ISBN

8128808575

Pages

58

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128808575

60.00

In stock

भक्ति हर एक जीव कर सकता है। भक्ति सहज और सरल है। कलियुग में भक्ति श्रेष्‍ठ है। अन्‍य मार्ग का कोई खंडन-मंडन नहीं है और न ही टीका-तुलना। कितने लोग कर्मकांड कर सकते हैं। क्‍या आपके पास फुर्सत है। ज्ञान मार्ग के लिए तीव्र वैराग्‍य चाहिए। जबकि भक्ति मार्ग में तीव्र प्रेम चाहिए। भक्ति के इन्‍हीं सिधांतों के रहस्‍य को पूज्‍य किरीट भाई ने इस पुस्‍तक द्वारा सबके सामने लाने की कोशिश की है। ISBN10-8128808575

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