भगवान के सामने सदा हाथ न फैलाया करो
जितना पाया उससे उसका कर्ज़ तो चुकाया करो
काम दूसरों के आया करो एहसान न जताया करो
जिसने इस काबिल बनाया शुक्र उसका मनाया करो
रौशन उसे तो नहीं कर सकते दिया फिर भी जलाया करो
महका तो सकते नहीं उसे पफूल फिर भी चढ़ाया करो
भगवान के घर जाया करो अपने घर उसे बुलाया करो
वो आये न आये मर्जी उसकी फर्ज अपना निभाया करो
दूसरों की खुशियों में जी अपना न जलाया करो
बारी सभी की आती है बस जरा मुस्कुराया करो ।
सिफर से सिफर तक
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भगवान के सामने सदा हाथ न फैलाया करो
जितना पाया उससे उसका कर्ज़ तो चुकाया करो
काम दूसरों के आया करो एहसान न जताया करो
जिसने इस काबिल बनाया शुक्र उसका मनाया करो
रौशन उसे तो नहीं कर सकते दिया फिर भी जलाया करो
महका तो सकते नहीं उसे पफूल फिर भी चढ़ाया करो
भगवान के घर जाया करो अपने घर उसे बुलाया करो
वो आये न आये मर्जी उसकी फर्ज अपना निभाया करो
दूसरों की खुशियों में जी अपना न जलाया करो
बारी सभी की आती है बस जरा मुस्कुराया करो ।
Additional information
Author | Sunil Khetarpal |
---|---|
ISBN | 9789350839867 |
Pages | 112 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Power Learning |
ISBN 10 | 9350839865 |