सुनहरे कल की ओर

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सतत परिश्रम और लगन के बल पर किस तरह एक सामान्य व्यक्ति सफलता के शिखर पर पहुंच सकता है, इसे बखूबी चरितार्थ किया है सी.बी.आई. के पूर्व निदेशक श्री जोगिन्दर सिंह (आई.पी.एस., सेवानिवृत्त) ने। सफलता की कहानी कहते उनके लेख किसी भी महत्वाकांक्षी युवा व्यक्ति के लिए प्रेरणास्रोत हो सकते हैं। श्री जोगिन्दर सिंह द्वारा लिखी इस पुस्तक में आत्म-सुधार के अचूक मंत्र हैं। अपनी विजय गाथा में उन्होंने सफलता के राज खोले हैं और बताया है कि किस प्रकार विजेता बनने का सफर तय होता है। एक मंत्र जो आपको शीर्ष पर पहुंचा सकता है, वह कुछ ऐसे हैं- अपने लिए बेहतर अवसर तलाशिए, बड़े सपने देखिए और उन्हें साकार करने के लिए कठिन श्रम से नाता जोड़िए। विजेता बनने के लिए जरूरत है तो बस अपने हुनर और नजरिए को सकारात्मक दिशा में मोड़ने की। याद रखिए, सफलता हमेशा इच्छा से परिचालित होती है। थोड़ी-सी मेहनत और थोड़ा बलिदान, आपको सफलता की ओर प्रवृत्त कर सकता है। आपका वर्तमान महत्वपूर्ण है, जो उम्मीद है, वह तभी साकार रूप ले सकती है जब आप केंद्रित हों क्योंकि उद्देश्य ही सफलता का आधार है।

Additional information

Author

Joginder Singh

ISBN

8189182587

Pages

224

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8189182587

सतत परिश्रम और लगन के बल पर किस तरह एक सामान्य व्यक्ति सफलता के शिखर पर पहुंच सकता है, इसे बखूबी चरितार्थ किया है सी.बी.आई. के पूर्व निदेशक श्री जोगिन्दर सिंह (आई.पी.एस., सेवानिवृत्त) ने। सफलता की कहानी कहते उनके लेख किसी भी महत्वाकांक्षी युवा व्यक्ति के लिए प्रेरणास्रोत हो सकते हैं। श्री जोगिन्दर सिंह द्वारा लिखी इस पुस्तक में आत्म-सुधार के अचूक मंत्र हैं। अपनी विजय गाथा में उन्होंने सफलता के राज खोले हैं और बताया है कि किस प्रकार विजेता बनने का सफर तय होता है। एक मंत्र जो आपको शीर्ष पर पहुंचा सकता है, वह कुछ ऐसे हैं- अपने लिए बेहतर अवसर तलाशिए, बड़े सपने देखिए और उन्हें साकार करने के लिए कठिन श्रम से नाता जोड़िए। विजेता बनने के लिए जरूरत है तो बस अपने हुनर और नजरिए को सकारात्मक दिशा में मोड़ने की। याद रखिए, सफलता हमेशा इच्छा से परिचालित होती है। थोड़ी-सी मेहनत और थोड़ा बलिदान, आपको सफलता की ओर प्रवृत्त कर सकता है। आपका वर्तमान महत्वपूर्ण है, जो उम्मीद है, वह तभी साकार रूप ले सकती है जब आप केंद्रित हों क्योंकि उद्देश्य ही सफलता का आधार है।

ISBN10-8189182587

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