हंसी के गोलगप्‍पे

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डॉ. सुनील जोगी देश के चर्चित व लाडले हास्‍य-व्‍यंग्‍य कवि हैं। उन्‍होंने लगभग 75 पुस्‍तकों का प्रणयन किया है। विभिन्‍न राष्‍ट्रीय समाचार पत्रों में स्‍तंभ लेखन करने के साथ-साथ उन्‍होंने अनेक समाचार चैनलों पर भी अनूठी प्रस्‍तुतियां दी हैं। उन्‍होंने भारत के अतिरिक्‍त अमेरिका के 18 शहरों, कनाडा, ग्रेट ब्रिटैन, फ्रांस, नार्वे, दुबई, मस्‍कट, सूनीनाम जैसे देशों में कई-कई बार काव्‍य यात्राएं की हैं। एवं 3000 से अधिक कवि-सम्‍मेलनों में काव्‍य-पाठ और संचालन किया है। श्री जोगी ने अनेक कैसेटों और फि़ल्‍मों में गीत-लेखन किया है। उन्‍होंने संसद भवन से लेकर विभिन्‍न मंत्रालयों व राज्‍यस्‍तरीय अकादमियों में उच्‍च पदों पर कार्य किया है। वे अनेक राजनेताओं के सलाहकार हैं।

Additional information

Author

Dr. Sunil Jogi

ISBN

9788128820953

Pages

168

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128820958

डॉ. सुनील जोगी देश के चर्चित व लाडले हास्‍य-व्‍यंग्‍य कवि हैं। उन्‍होंने लगभग 75 पुस्‍तकों का प्रणयन किया है। विभिन्‍न राष्‍ट्रीय समाचार पत्रों में स्‍तंभ लेखन करने के साथ-साथ उन्‍होंने अनेक समाचार चैनलों पर भी अनूठी प्रस्‍तुतियां दी हैं। उन्‍होंने भारत के अतिरिक्‍त अमेरिका के 18 शहरों, कनाडा, ग्रेट ब्रिटैन, फ्रांस, नार्वे, दुबई, मस्‍कट, सूनीनाम जैसे देशों में कई-कई बार काव्‍य यात्राएं की हैं। एवं 3000 से अधिक कवि-सम्‍मेलनों में काव्‍य-पाठ और संचालन किया है। श्री जोगी ने अनेक कैसेटों और फि़ल्‍मों में गीत-लेखन किया है। उन्‍होंने संसद भवन से लेकर विभिन्‍न मंत्रालयों व राज्‍यस्‍तरीय अकादमियों में उच्‍च पदों पर कार्य किया है। वे अनेक राजनेताओं के सलाहकार हैं।

ISBN10-8128820958

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