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वेद प्रकाश की हास्य-व्यंग्य कविताओं का यह पहला संग्रह है। यह पहला है इसलिए ये प्रिय वेद के लिए भी महत्वपूर्ण है और पाठकों के लिए भी।
महत्वपूर्ण यह नहीं है कि कितना लिखा है, महत्वपूर्ण यह है कि कैसा लिखा है।
वेद की कविताओं की मुख्य विशेषता है कि इनमें शब्दों की फिजूलखर्ची नहीं है जिस बात को वेद कहना चाहता है, उस तक पहुंचने के लिए वो न्यूनतम शब्दों का प्रयोग करता है। यही विशेषता उसे एक गद्यकार से अलग करती है क्योंकि गद्यकार बूंद को सागर तक फैलाता है और कवि सागर को बूंद में समाहित करता है। वेद हास्य को कविताओं में लाता नहीं बल्कि हास्य स्वयं उसकी कविताओं से निकलकर बाहर आता है। आजकल जैसी हास्य कविताएं आ रही हैं, उनमें कर्इ जगह ऐसा लगता है जैसे गोबर दीवारों पर थोप दिया हो। वेद की कविताएं ऐसी लगती हैं जैसे आंगन में मिट्टी की पुताई करके उस पर सुंदर चित्रकारी की हो।
मिट्टी का जिक्र मैंने इसलिए किया क्योंकि वेद की हर कविता में इस देश की मिट्टी की गंध है इसलिए हास्य-व्यंग्य का एक सोंधापन इसमें पाठकों को महसूस होगा।
वेद प्रकाश वेद
Author | Ved Prakash Ved |
---|---|
ISBN | 8184194277 |
Pages | 120 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8184194277 |
वेद प्रकाश की हास्य-व्यंग्य कविताओं का यह पहला संग्रह है। यह पहला है इसलिए ये प्रिय वेद के लिए भी महत्वपूर्ण है और पाठकों के लिए भी।
महत्वपूर्ण यह नहीं है कि कितना लिखा है, महत्वपूर्ण यह है कि कैसा लिखा है।
वेद की कविताओं की मुख्य विशेषता है कि इनमें शब्दों की फिजूलखर्ची नहीं है जिस बात को वेद कहना चाहता है, उस तक पहुंचने के लिए वो न्यूनतम शब्दों का प्रयोग करता है। यही विशेषता उसे एक गद्यकार से अलग करती है क्योंकि गद्यकार बूंद को सागर तक फैलाता है और कवि सागर को बूंद में समाहित करता है। वेद हास्य को कविताओं में लाता नहीं बल्कि हास्य स्वयं उसकी कविताओं से निकलकर बाहर आता है। आजकल जैसी हास्य कविताएं आ रही हैं, उनमें कर्इ जगह ऐसा लगता है जैसे गोबर दीवारों पर थोप दिया हो। वेद की कविताएं ऐसी लगती हैं जैसे आंगन में मिट्टी की पुताई करके उस पर सुंदर चित्रकारी की हो।
मिट्टी का जिक्र मैंने इसलिए किया क्योंकि वेद की हर कविता में इस देश की मिट्टी की गंध है इसलिए हास्य-व्यंग्य का एक सोंधापन इसमें पाठकों को महसूस होगा।
वेद प्रकाश वेद
Diamond Books, Books, Language & Literature