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“एक विचार ले लो। उसी एक विचार के अनुसार अपने जीवन को बनाओ, उसी को सोचो, उसी का स्वप्न देखो और उसी पर अवलम्बित रहो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, स्नायुओं और शरीर के प्रत्येक भाग को उसी विचार से ओत-प्रोत होने दो और दूसरे सब विचारों को अपने से दूर रखो। यही सफलता का मार्ग है और यही वह मार्ग है, जिसने महान धार्मिक पुरुषों का निर्माण किया है।” इन्हीं विचारों को स्वामी आनंद बोधिसत्व ने इस पुस्तक में संकलित किया है।
Author | Swami Anand Bodhisatv |
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ISBN | 8171827667 |
Pages | 192 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171827667 |
“एक विचार ले लो। उसी एक विचार के अनुसार अपने जीवन को बनाओ, उसी को सोचो, उसी का स्वप्न देखो और उसी पर अवलम्बित रहो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, स्नायुओं और शरीर के प्रत्येक भाग को उसी विचार से ओत-प्रोत होने दो और दूसरे सब विचारों को अपने से दूर रखो। यही सफलता का मार्ग है और यही वह मार्ग है, जिसने महान धार्मिक पुरुषों का निर्माण किया है।” इन्हीं विचारों को स्वामी आनंद बोधिसत्व ने इस पुस्तक में संकलित किया है।
ISBN10-8171827667