जीवन में जब दुख की आंधी आती है, जब मुसीबतों के तूफान आते हैं तो हम सभी बेचारे बड़े दुखी और पीड़ित होते हैं। हमारे पैर जीवन की डगर से उखड़ जाते हैं। पर जो भक्त हैं, वह कहता है, ‘आया है दुख का का तूफान, आने दो। आई है मुसीबत आने दो। कोई बात नहीं, कोई परवाह नहीं।
अपना मालिक खुद
₹50.00
In stock
Other Buying Options
जीवन में जब दुख की आंधी आती है, जब मुसीबतों के तूफान आते हैं तो हम सभी बेचारे बड़े दुखी और पीड़ित होते हैं। हमारे पैर जीवन की डगर से उखड़ जाते हैं। पर जो भक्त हैं, वह कहता है, ‘आया है दुख का का तूफान, आने दो। आई है मुसीबत आने दो। कोई बात नहीं, कोई परवाह नहीं।
Additional information
Author | Anandmurti Guru Maa |
---|---|
ISBN | 812881513X |
Pages | 328 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 812881513X |
SKU
9788128815133
Category Indian Philosophy
Related Products
Related products
Social Media Posts
This is a gallery to showcase images from your recent social posts