प्रत्येक माता-पिता के लिए उनकी संतान अनमोल होती है। अपने बच्चों की समुचित परवरिश, उचित लालन-पालन, नैतिक विकास, सही मार्गदर्शन और व्यक्तित्व निर्माण के लिए माता-पिता अपना सर्वस्व त्याग करने में भी नहीं हिचकते। बच्चों को ईश्वर की सर्वोत्तम कृति माना जाता है। उनके विकास के लिए घर में माता-पिता और स्कूल में शिक्षक की संयुक्त भूमिका है। अपने बच्चों को श्रेष्ठ बनाना हरेक माता-पिता का सपना होता है। बाल्यकाल एक कोरे कागज की तरह होता है, जिसमें हम एक खूबसूरत कलाकृति (जीवन) का निर्माण करते हैं। तरूण चक्रवर्ती द्वारा लिखित इस पुस्तक में माता-पिता व शिक्षकों के लिए अत्यंत उपयोगी, महत्त्वपूर्ण तथा सरल दिशा-निर्देश एवं सुझाव दिए गए हैं। इन पर अमल करके आप अपने बच्चों को जीवन के हर क्षेत्रा में श्रेष्ठ बना सकते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।
अपने बच्चे को श्रेष्ठ कैसे बनाये
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प्रत्येक माता-पिता के लिए उनकी संतान अनमोल होती है। अपने बच्चों की समुचित परवरिश, उचित लालन-पालन, नैतिक विकास, सही मार्गदर्शन और व्यक्तित्व निर्माण के लिए माता-पिता अपना सर्वस्व त्याग करने में भी नहीं हिचकते। बच्चों को ईश्वर की सर्वोत्तम कृति माना जाता है। उनके विकास के लिए घर में माता-पिता और स्कूल में शिक्षक की संयुक्त भूमिका है। अपने बच्चों को श्रेष्ठ बनाना हरेक माता-पिता का सपना होता है। बाल्यकाल एक कोरे कागज की तरह होता है, जिसमें हम एक खूबसूरत कलाकृति (जीवन) का निर्माण करते हैं। तरूण चक्रवर्ती द्वारा लिखित इस पुस्तक में माता-पिता व शिक्षकों के लिए अत्यंत उपयोगी, महत्त्वपूर्ण तथा सरल दिशा-निर्देश एवं सुझाव दिए गए हैं। इन पर अमल करके आप अपने बच्चों को जीवन के हर क्षेत्रा में श्रेष्ठ बना सकते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।
ISBN10-9351652394
Additional information
Author | Tarun Chakrabroty |
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ISBN | 9789351652397 |
Pages | 48 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 9351652394 |
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