आंसू और हंसी

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कवि चित्रकार एवं दार्शनिक खलील जिब्रान का जन्म लेबनान के उस भू-भाग में हुआ, जहां बहुत से संत पुरुषों ने जन्म लिया। वह विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उनकी लेखनी में जहां एक ओर मानव-हृदय की गहनतम भावनाओं को मूर्तरूप देने की क्षमता है, वहीं जीवन को उत्कृष्टतम बनाने की दार्शनिक क्षमता भी है।
उनकी ख्याति अरबी क्षेत्र में ही सीमित नहीं रही वरन् संपूर्ण विश्व में फैली। उनके साहित्य को २० से अधिक भाषाओं में रूपांतरित किया जा चुका है तथा उनके बनाए चित्रों की प्रदर्शनियों विश्वभर मे लगाई जाती रही है। अपने जीवन के अंतिम २० वर्ष वे अमेरिका में रहे तथा अंग्रेजी भाषा में भी लिखा। उनके विचारों में कई स्थानों पर वेदांत दर्शन की झलक भी मिलती है। प्रस्तुत पुस्तक में उनकी दो पुस्तकों के रूपांतर का प्रयास किया गया है।
श्री सुधीर गुप्ता का जन्म वर्ष १९४३ में मुरादाबाद के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त करके आपने मुरादाबाद मे वकालत का कार्य आरंभ किया। आज आपकी गणना मुरादाबाद के शीर्षस्थ अधिवक्ताओं में होती है। बचपन से ही आपको पठन-पाठन में रूचि रही। अपने शिक्षाकाल में आपने विश्वभर के विभिन्न दर्शनों का अध्ययन किया। आपने अनेक बार विदेशों का भ्रमण किया है। आप समाजसेवा के क्षेत्र में भी कार्यरत हैं तथा रोटरी इंटरनेशनल के मंडल ३१०० के मंडलाध्यक्ष रह चुके हैं। अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर आप मुरादाबाद मे एक इंजीनियरिंग कालेज भी चला रहे हैं। आपकी विशेष रूचि वेदांतदर्शन के साथ साथ राष्ट्रीय एवं सामाजिक उत्थान के कार्यों में भी है।
अपनी व्यावसायिक व्यस्तता के बावजूद आप लेखन के लिए भी समय निकालते हैं।

Additional information

Author

Sudhir Gupta

ISBN

8128809695

Pages

80

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128809695

कवि चित्रकार एवं दार्शनिक खलील जिब्रान का जन्म लेबनान के उस भू-भाग में हुआ, जहां बहुत से संत पुरुषों ने जन्म लिया। वह विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उनकी लेखनी में जहां एक ओर मानव-हृदय की गहनतम भावनाओं को मूर्तरूप देने की क्षमता है, वहीं जीवन को उत्कृष्टतम बनाने की दार्शनिक क्षमता भी है।
उनकी ख्याति अरबी क्षेत्र में ही सीमित नहीं रही वरन् संपूर्ण विश्व में फैली। उनके साहित्य को २० से अधिक भाषाओं में रूपांतरित किया जा चुका है तथा उनके बनाए चित्रों की प्रदर्शनियों विश्वभर मे लगाई जाती रही है। अपने जीवन के अंतिम २० वर्ष वे अमेरिका में रहे तथा अंग्रेजी भाषा में भी लिखा। उनके विचारों में कई स्थानों पर वेदांत दर्शन की झलक भी मिलती है। प्रस्तुत पुस्तक में उनकी दो पुस्तकों के रूपांतर का प्रयास किया गया है।
श्री सुधीर गुप्ता का जन्म वर्ष १९४३ में मुरादाबाद के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त करके आपने मुरादाबाद मे वकालत का कार्य आरंभ किया। आज आपकी गणना मुरादाबाद के शीर्षस्थ अधिवक्ताओं में होती है। बचपन से ही आपको पठन-पाठन में रूचि रही। अपने शिक्षाकाल में आपने विश्वभर के विभिन्न दर्शनों का अध्ययन किया। आपने अनेक बार विदेशों का भ्रमण किया है। आप समाजसेवा के क्षेत्र में भी कार्यरत हैं तथा रोटरी इंटरनेशनल के मंडल ३१०० के मंडलाध्यक्ष रह चुके हैं। अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर आप मुरादाबाद मे एक इंजीनियरिंग कालेज भी चला रहे हैं। आपकी विशेष रूचि वेदांतदर्शन के साथ साथ राष्ट्रीय एवं सामाजिक उत्थान के कार्यों में भी है।
अपनी व्यावसायिक व्यस्तता के बावजूद आप लेखन के लिए भी समय निकालते हैं।
ISBN10-8128809695

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