धन्य है नरेन्द्र जी का अपनापा कि पुस्तक को त्वरित गति से छापा। अब आपके पास है पुस्तक, पुस्तक में कविताएं, चलें पन्नें पलटें और गौर फरमाएं। प्रतिक्रिया भी दें इनको पढ़ने के बाद, धन्यवाद।
अगर आपने देखा हो गुड़ मॉर्निंग इंडिया, तो उसमें पिछले दिनों अशोक चक्रधर का परिचित चेहरा भरपूर दिखाई दिया। सप्ताह मे दो बार सुबह-सुबह अपने दर्शकों को वे कविताएं सुनाते रहे, कविता में कोई खास बात क्यों बताई ये भी बताते रहे।
इसलिए बोडम जी इसलिए
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धन्य है नरेन्द्र जी का अपनापा कि पुस्तक को त्वरित गति से छापा। अब आपके पास है पुस्तक, पुस्तक में कविताएं, चलें पन्नें पलटें और गौर फरमाएं। प्रतिक्रिया भी दें इनको पढ़ने के बाद, धन्यवाद।
अगर आपने देखा हो गुड़ मॉर्निंग इंडिया, तो उसमें पिछले दिनों अशोक चक्रधर का परिचित चेहरा भरपूर दिखाई दिया। सप्ताह मे दो बार सुबह-सुबह अपने दर्शकों को वे कविताएं सुनाते रहे, कविता में कोई खास बात क्यों बताई ये भी बताते रहे।
Additional information
Author | Ashok Chakradhar |
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ISBN | 8128400061 |
Pages | 176 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128400061 |