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हुत प्रारंभ से ओशो के निकट रहे स्वामी अगेह भारती की सचेतन अंतर्यात्रा 24 वर्ष की आयु में प्रारंभ हो गई थी। ‘एक ओशो शिष्य की अंतर्यात्रा’ में उन्होंन ओशो के समीप्य में प्राप्त हुए अनुभवों का वर्णन किया है ये ओशों के बंबई, पूना व अमरीका प्रवास काल में उनके आध्यात्मिक आंदोलन से निकटता एवं गहनता से जुड़े रहे। स्वामी अगेह भारती के अपने शब्दों में ‘मेरा एक ही परिचय है कि मैं ओशो जैसे क्रांतिदृष्टा सद्गुरु का शिष्य हूं।
Author | Ageh Bharti |
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ISBN | 812880250X |
Pages | 192 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 812880250X |
हुत प्रारंभ से ओशो के निकट रहे स्वामी अगेह भारती की सचेतन अंतर्यात्रा 24 वर्ष की आयु में प्रारंभ हो गई थी। ‘एक ओशो शिष्य की अंतर्यात्रा’ में उन्होंन ओशो के समीप्य में प्राप्त हुए अनुभवों का वर्णन किया है ये ओशों के बंबई, पूना व अमरीका प्रवास काल में उनके आध्यात्मिक आंदोलन से निकटता एवं गहनता से जुड़े रहे। स्वामी अगेह भारती के अपने शब्दों में ‘मेरा एक ही परिचय है कि मैं ओशो जैसे क्रांतिदृष्टा सद्गुरु का शिष्य हूं।
ISBN10-812880250X