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“स्वामी विवेकानन्द हिन्दू धर्म के महान प्रचारक थे। पूरी दुनिया में हिन्दू दर्शन, वेद और योग की अलख जगाने का श्रेय स्वामी जी को जाता है। उन्होंने हिन्दू धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। शिकागो में आए देश विदेश के लोगों को उन्होंने अपने भाषण से मंत्रामुग्घ कर दिया। इसी के साथ ही विश्व मंच पर तिरंगे का मान बढ़ा। विवेकानन्द ने किसी भी हालत में सफलता प्राप्त करने का संदेश दिया।
गुरु रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य स्वामी विवेकानन्द दो प्रमुख संगठन रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ के जनक रहे। विवेकानन्द ने देशवासियों में एकता और विश्वास को मजबूत करने की दिशा में उल्लेखनीय भूमिका निभायी। “
Author | Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank |
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ISBN | 9789383225774 |
Pages | 184 |
Format | Paper Back |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Publication |
ISBN 10 | 9383225777 |
“स्वामी विवेकानन्द हिन्दू धर्म के महान प्रचारक थे। पूरी दुनिया में हिन्दू दर्शन, वेद और योग की अलख जगाने का श्रेय स्वामी जी को जाता है। उन्होंने हिन्दू धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। शिकागो में आए देश विदेश के लोगों को उन्होंने अपने भाषण से मंत्रामुग्घ कर दिया। इसी के साथ ही विश्व मंच पर तिरंगे का मान बढ़ा। विवेकानन्द ने किसी भी हालत में सफलता प्राप्त करने का संदेश दिया।
गुरु रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य स्वामी विवेकानन्द दो प्रमुख संगठन रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ के जनक रहे। विवेकानन्द ने देशवासियों में एकता और विश्वास को मजबूत करने की दिशा में उल्लेखनीय भूमिका निभायी। “
ISBN10-9383225777
Diamond Books, Books, Business and Management, Economics