मां काली एवं चंडी के गुणगान शब्दों से नहीं, भावों से किए जाते हैं। इनकी महिमा अनंत है, इन्हीं से सृष्टि है यानी संपूर्ण ब्रह्माण्ड की संचालिका ये ही हैं। इनके अनंत रूप हैं, मूलत नौ रूपों में जानी जाती हैं नाम असंख्य हैं, मूलत 1008 नामों से जानी जाती हैं। आपदा से घिरे भक्तों को स्मरण मात्र से मुक्त कराने वाली देवी ये ही हैं कलियुग में मानव-कल्याण हेतु देवी की आराधना ही सर्वोपरि है। तभी तो शारदीय नवरात्र में भारत के प्रत्येक गांव-शहर में मां की मूर्तिपूजा होती है। तथा वर्ष भर स्त्री-पुरुष अपने-अपने घरों में मां की पूजा अर्चना व आरती करते रहते हैं। ये ही मां सरस्वती के रूप में विद्या की अधिष्ठात्री हैं जो लक्ष्मी के रूप में धन की अधिष्ठात्री देवी हैं। यूं कहें तो भिन्न-भिन्न रूपों में भिन्न कार्यों का संचालन करती हैं।
काली पूजन और चंडी पाठ
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मां काली एवं चंडी के गुणगान शब्दों से नहीं, भावों से किए जाते हैं। इनकी महिमा अनंत है, इन्हीं से सृष्टि है यानी संपूर्ण ब्रह्माण्ड की संचालिका ये ही हैं। इनके अनंत रूप हैं, मूलत नौ रूपों में जानी जाती हैं नाम असंख्य हैं, मूलत 1008 नामों से जानी जाती हैं। आपदा से घिरे भक्तों को स्मरण मात्र से मुक्त कराने वाली देवी ये ही हैं कलियुग में मानव-कल्याण हेतु देवी की आराधना ही सर्वोपरि है। तभी तो शारदीय नवरात्र में भारत के प्रत्येक गांव-शहर में मां की मूर्तिपूजा होती है। तथा वर्ष भर स्त्री-पुरुष अपने-अपने घरों में मां की पूजा अर्चना व आरती करते रहते हैं। ये ही मां सरस्वती के रूप में विद्या की अधिष्ठात्री हैं जो लक्ष्मी के रूप में धन की अधिष्ठात्री देवी हैं। यूं कहें तो भिन्न-भिन्न रूपों में भिन्न कार्यों का संचालन करती हैं।
ISBN10-8128811304
Additional information
Author | Vinay Singhal |
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ISBN | 8128811304 |
Pages | 128 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128811304 |