कौन है ओशोघ् यह सवाल आज भी लाखों लोगों के मन में उठता है कोई ओशो को संत.सतगुरू के नाम से जानता है तो कोई भगवान के नाम से। किसी के लिए ओशो महज एक दार्शनिक हैं तो किसी के लिए विचारक। किसी के लिए ओशो शक्ति हैं तो किसी के लिए व्यक्ति। कोई इन्हें संबुद्ध रहस्यदर्शी के नाम से संबोध्ति करता है तो किसी की नजर में ओशो एक ष्सेक्स गुरूष् का नाम है। स्वीकार और इंकार के बीचए प्रेम और घृणा के बीच ओशो ऐसे निखर कर आएं हैं जैसे मथनी से मक्खन। इतने कष्टए संघर्षए विवाद एवं यातनाओं के बाद भी ओशो खूब उभरे हैं। यह खासियत लोगों में एक और जिज्ञासा पैदा करती है तो दूसरी और उन्हें हैरत में भी डालती है। ऐसा क्या है ओशो में जो उनसे पहले केए उनके समकालिक एवं आज के संतों में नहीं हैघ् क्यों आज ओशो अपनी देह त्याग के बाद भी इतने अध्कि जीवंत एवं मौजूद होते हैंघ् जानिए इस पुस्तक से।
कौन है ओशो
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कौन है ओशोघ् यह सवाल आज भी लाखों लोगों के मन में उठता है कोई ओशो को संत.सतगुरू के नाम से जानता है तो कोई भगवान के नाम से। किसी के लिए ओशो महज एक दार्शनिक हैं तो किसी के लिए विचारक। किसी के लिए ओशो शक्ति हैं तो किसी के लिए व्यक्ति। कोई इन्हें संबुद्ध रहस्यदर्शी के नाम से संबोध्ति करता है तो किसी की नजर में ओशो एक ष्सेक्स गुरूष् का नाम है। स्वीकार और इंकार के बीचए प्रेम और घृणा के बीच ओशो ऐसे निखर कर आएं हैं जैसे मथनी से मक्खन। इतने कष्टए संघर्षए विवाद एवं यातनाओं के बाद भी ओशो खूब उभरे हैं। यह खासियत लोगों में एक और जिज्ञासा पैदा करती है तो दूसरी और उन्हें हैरत में भी डालती है। ऐसा क्या है ओशो में जो उनसे पहले केए उनके समकालिक एवं आज के संतों में नहीं हैघ् क्यों आज ओशो अपनी देह त्याग के बाद भी इतने अध्कि जीवंत एवं मौजूद होते हैंघ् जानिए इस पुस्तक से।
Additional information
Author | Shashikant Sadaiv |
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ISBN | 9788128824630 |
Pages | 224 |
Format | Paper Back |
Language | Hindi |
Publisher | Jr Diamond |
ISBN 10 | 8128824635 |