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उपनिषद गुरु-शिष्य परम्परा के आदर्श उदाहरण हैं। प्रश्नोत्तर के माध्यम से सृष्टि के गूढ़ रहस्यों का उद्घाटन उपनिषदों में सहज ढंग से किया गया है। विभिन्न दृष्टान्तों, उदाहरणों, रूपकों, संकेतों और युक्तियों द्वारा आत्म, परमात्मा, ब्रह्म आदि का स्पष्टीकरण इतनी सफलता से उपनिषद ही कर सके हैं। उपनिषद न होते तो वेदों का गूढ़ अर्थ हम नहीं समझ पाते। इस पुस्तक में उन्हीं ज्ञान के भण्डार उपनिषदों की शिक्षाओं को सरल शब्दों में प्रस्तुत किया गया है, जिससे कि सामान्यजन भी उन्हें पढ़-सुनकर अपने जीवन को तद्नुसार ढाल सकें।
महेश शर्मा
Author | Mahesh Dutt Sharma |
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ISBN | 8128808540 |
Pages | 132 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128808540 |
उपनिषद गुरु-शिष्य परम्परा के आदर्श उदाहरण हैं। प्रश्नोत्तर के माध्यम से सृष्टि के गूढ़ रहस्यों का उद्घाटन उपनिषदों में सहज ढंग से किया गया है। विभिन्न दृष्टान्तों, उदाहरणों, रूपकों, संकेतों और युक्तियों द्वारा आत्म, परमात्मा, ब्रह्म आदि का स्पष्टीकरण इतनी सफलता से उपनिषद ही कर सके हैं। उपनिषद न होते तो वेदों का गूढ़ अर्थ हम नहीं समझ पाते। इस पुस्तक में उन्हीं ज्ञान के भण्डार उपनिषदों की शिक्षाओं को सरल शब्दों में प्रस्तुत किया गया है, जिससे कि सामान्यजन भी उन्हें पढ़-सुनकर अपने जीवन को तद्नुसार ढाल सकें।
महेश शर्मा
Religions & Philosophy, Hinduism