क्रोध से करुणा की ओर
क्रोध से करुणा की ओर
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हमको क्रोध इसलिए नहीं आता है कि दूसरों ने दिलवाया तो क्रोध आया। सच तो यह है कि क्रोध अगर हमारे अंदर होता है, तो किसी न किसी के बहाने बाहर निकल जाता है। और अगर हमारे अन्दर क्रोध है ही नहीं, तो कोई कैसे उसे निकाल सकेगा। अगर कुएं में पानी है, तो कुएं से, बावड़ी से पानी को बहार निकाल सकते हैं। अगर कुआं सूखा हो, तो पानी कहां से निकालोगे। किस तरीके से निकालोगे पानी को।
Additional information
Author | Anandmurti Guru Maa |
---|---|
ISBN | 8128815067 |
Pages | 36 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128815067 |
SKU
9788128815065
Category Indian Philosophy
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