Gandhi Par Punarvichar
गांधी पर पुरर्विचार
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ओशो के प्रखर विचारों ने ओजस्वी वाणी ने मनुष्यता के दुश्मनों पर, संप्रदायों पर मठाधीशों पर, अंधे राजनेताओं पर जोरदार प्रहार किया लेकिन पत्र-पत्रिकाओं ने छापीं या तो ओशो पर चटपटी मनगढ़ंत खबरे या उनकी निंदा की। भ्रम के बादल फैलाए, ये भ्रम के बादल आड़े आ गये ओशो और लोगों के जैसे सूरज के आगे बादल आ जाते हैं। इससे देर हुई। इससे देर हो रही है मनुष्य के सौभाग्य को मनुष्य तक पहुंचने में।
Additional information
Author | Osho |
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ISBN | 8128801295 |
Pages | 176 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Fusion Books |
ISBN 10 | 8128801295 |