Call us on: +91-9716244500

Free shipping On all orders above Rs 600/-

We are available 10am-5 pm, Need help? contact us

घाघ और बदरी की कहावतें

100.00

घाघ और भड्डरी में दैवी प्रतिभा थी। उनकी जितनी कहावतें हैं, सभी प्राय अक्षरश सत्य उतरती है। देहात में तो इनकी कहावतें प्रत्येक किसान को कंठस्थ हैं। अब तक कहावतों के जितने संग्रह निकले हैं सब मे पाठांतरों की भरमार हैं। इससे बहुत सी कहावतों के फल ठीक नहीं उतरते। प्रस्तुत संग्रह में देहात में प्रचलित पाठ को ही प्रधान माना गया है। इस संग्रह में बहुत सी कहावतें ऐसी हैं जो अब तक किसी भी संग्रह में नहीं आई हैं। कहावतों के अर्थ में भी पाठकगण बहुत अन्तर पाएंगे। इस संग्रह में प्रत्येक कहावत का वही अर्थ दिया गया है जो देहातों में प्रचलित है। आशा है कि पाठकगण इस संग्रह को बहुत पसंद करेंगे और हमारे परिश्रम को सफल करेंगे।

Additional information

Author

Devnarayan Diwedi

ISBN

8128813684

Pages

176

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128813684

घाघ और भड्डरी में दैवी प्रतिभा थी। उनकी जितनी कहावतें हैं, सभी प्राय अक्षरश सत्य उतरती है। देहात में तो इनकी कहावतें प्रत्येक किसान को कंठस्थ हैं। अब तक कहावतों के जितने संग्रह निकले हैं सब मे पाठांतरों की भरमार हैं। इससे बहुत सी कहावतों के फल ठीक नहीं उतरते। प्रस्तुत संग्रह में देहात में प्रचलित पाठ को ही प्रधान माना गया है। इस संग्रह में बहुत सी कहावतें ऐसी हैं जो अब तक किसी भी संग्रह में नहीं आई हैं। कहावतों के अर्थ में भी पाठकगण बहुत अन्तर पाएंगे। इस संग्रह में प्रत्येक कहावत का वही अर्थ दिया गया है जो देहातों में प्रचलित है। आशा है कि पाठकगण इस संग्रह को बहुत पसंद करेंगे और हमारे परिश्रम को सफल करेंगे।

ISBN10-8128813684

SKU 9788128813689 Category Tags ,