चल ओशो के गांव में

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स्‍वामी ज्ञानभेद की नवीनतम कृति “चल ओशो के गांव में” पढ़ते हुए जब हम प्रकृति के रोमांच को अनुभव करते हैं, तो हमें लगता है कि शायद हम सब उस गांव को तलाश रहे हैं जहां पहुंच कर हम इस आपा-धापी के बुखार से मुक्‍त होकर श्‍वांस ले सकें। स्‍वामी ज्ञानभेद का यह ‘ओशो का गांव’ कहीं बाहर नहीं, हमारे ही भीतर है। वो हमारे हृदय का उन्‍मुक्‍त आकाश है जिस पर कोई पहरेदार नहीं है, हमारे सिवा।

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स्‍वामी ज्ञानभेद की नवीनतम कृति “चल ओशो के गांव में” पढ़ते हुए जब हम प्रकृति के रोमांच को अनुभव करते हैं, तो हमें लगता है कि शायद हम सब उस गांव को तलाश रहे हैं जहां पहुंच कर हम इस आपा-धापी के बुखार से मुक्‍त होकर श्‍वांस ले सकें। स्‍वामी ज्ञानभेद का यह ‘ओशो का गांव’ कहीं बाहर नहीं, हमारे ही भीतर है। वो हमारे हृदय का उन्‍मुक्‍त आकाश है जिस पर कोई पहरेदार नहीं है, हमारे सिवा।

Additional information

Author

Gyan Bhed

ISBN

8128806114

Pages

184

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128806114