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बीसवीं शताब्‍दी के पूर्वाद्ध तक हिंदी मंच पर हास्‍य–व्‍यंग्‍य कविता बहुत कम हुआ करती थी। काव्‍य-पाठ के लिए हास्‍य-व्‍यंग्‍य के एक-दो कवियों को बुला लिया जाता था। सन् 1960 के बाद हास्‍य-व्‍यंग्‍य कवियों की एक सशक्‍त पीढ़ी उत्‍पन्‍न हुई-जिसमें शैल चुतुर्वेदी को शुमार किया जा सकता है।
प्रस्‍तुत संकलन में चतुर्वेदी जी ने कविताओं में समाज और राष्‍ट्र महत्‍वपूर्ण विषयों पर सटीक व्‍यंग्‍य प्रस्‍तुत किया है। ये व्‍यंग्‍य सिर्फ लोगों को हंसाते ही नहीं, बल्कि सोचने के लिए विवश कर देते हैं।

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Chal Gai

Additional information

Author

Shail Chaturvedi

ISBN

8128810146

Pages

160

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128810146