छंद और गीति-तत्व अशोक चक्रधर की शक्ति है। अपनी इस शक्ति को वे निज नाट्य कौशल से दि्वगुणित करना भी जानते हैं। इस पुस्तक की रचनाओं के बारे में वे कहते हैं-
कभी कामों ने हमें लपका
कभी हमने काम लपके,
नजरें ऊपर… हाथ ऊपर
जाने क्या टपके।
जाने क्या टपका
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छंद और गीति-तत्व अशोक चक्रधर की शक्ति है। अपनी इस शक्ति को वे निज नाट्य कौशल से दि्वगुणित करना भी जानते हैं। इस पुस्तक की रचनाओं के बारे में वे कहते हैं-
कभी कामों ने हमें लपका
कभी हमने काम लपके,
नजरें ऊपर… हाथ ऊपर
जाने क्या टपके।
ISBN10-8171829554
Additional information
Author | Ashok Chakradhar |
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ISBN | 8171829554 |
Pages | 160 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171829554 |
SKU
9788171829552
Categories Humorous Poetry, Language & Literature