Call us on: +91-9716244500

Free shipping On all orders above Rs 600/-

We are available 10am-5 pm, Need help? contact us

जो कुछ भी था दरमियाॅ

150.00

कविता ! अपने अंतर की चेतना और अनुभुति की अभिव्यक्ति भर है कविता। दिन में रात में, खुशी में गम में, आशा में निराशा में, हार में जीत में, प्रीत में रीत में, जय में पराजय में, यश में अपयश में, वैभव में पराभव में, अपमान में सम्मान में, खामोशी में जुनून में, बेचैनी में सुकून में, उम्मीद में ना उम्मीदी में, अपेक्षा में उपेक्षा में, होने में ना होने में, पाने में खो देने में। हृदय में भावनाएँ किसी भी अवस्था में पनपती है। समय के किसी भी क्षण हृदय में उठता भावनाओं का ज्वार जब कागज पर आकर ठहर जाता है तो कविता बन जाती है। लेखन की दुनिया में नया होने के बावजूद मेरे पहले कविता-संग्रह मेरी आँखों में मुहब्बत के मंजर हैं को आपका अच्छा प्यार मिला। इंजीनियर और कवि जैसे मुश्किल मिश्रण के बारे में पूछने पर मैं बस इतना कह पाता हूँ….

Additional information

Author

Dinesh Gupta

ISBN

9789350838655

Pages

24

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

9350838656

कविता ! अपने अंतर की चेतना और अनुभुति की अभिव्यक्ति भर है कविता। दिन में रात में, खुशी में गम में, आशा में निराशा में, हार में जीत में, प्रीत में रीत में, जय में पराजय में, यश में अपयश में, वैभव में पराभव में, अपमान में सम्मान में, खामोशी में जुनून में, बेचैनी में सुकून में, उम्मीद में ना उम्मीदी में, अपेक्षा में उपेक्षा में, होने में ना होने में, पाने में खो देने में। हृदय में भावनाएँ किसी भी अवस्था में पनपती है। समय के किसी भी क्षण हृदय में उठता भावनाओं का ज्वार जब कागज पर आकर ठहर जाता है तो कविता बन जाती है। लेखन की दुनिया में नया होने के बावजूद मेरे पहले कविता-संग्रह मेरी आँखों में मुहब्बत के मंजर हैं को आपका अच्छा प्यार मिला। इंजीनियर और कवि जैसे मुश्किल मिश्रण के बारे में पूछने पर मैं बस इतना कह पाता हूँ….

ISBN10-9350838656

SKU 9789350838655 Category Tags ,