Nahi Jog Nahi Jaap(Kabir Vani)
न ही जोग न ही जाप (कबीर वाणी)
Original price was: ₹60.00.₹48.00Current price is: ₹48.00.
-20%Out of stock
‘ऐसन साहब कबीर, सलोना आप है।
नहीं जोग नहिं जाप, पुन्न नहि पाप है।
कबीर कहते हैं, ‘ऐसर साहब कबीर’ – कबीर के साहब ऐसे हैं, खुद तो प्यारे, सुंदर, अनूठे, अद्वितीय है- उनसे तुम भी पैदा हुए हो।
‘नहीं जोग नहीं जाप’ – न तो कोई जप करने की जरूरत है, न कोई जोग करने की जरूरत है न तो पुण्य करने की जरूरत है, न पाप से भयभीत होने की जरूरत है, क्योंकि उस परम की निकटता में नतो पाप बचता है, न पुण्य बचता है।
ओशो द्वारा कबीर-वाणी पर दिए गए दस अमृत प्रवचनों के संकलन ‘कस्तूरी कुंडल बसै’ से लिए गए पांच (6-10) प्रवचन इस पुस्तक में संकलित हैं।
कबीर वाणी
Additional information
Author | Osho |
---|---|
ISBN | 8171822452 |
Pages | 152 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171822452 |