भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार विभिन्न अंत्तराष्ट्रीय मंचों पर गत तीन वर्षों से चर्चा का ज्वलंत विषय रहा है। अब आईएईए व एनएसजी की मंजूरी मिलने के बाद यह अमेरिकी कांग्रेस में प्रस्तुत होने के बाद संपन्न होने गया है।
परमाणु करार भारत के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह व अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश के संयुक्त प्रयत्नों का प्रतिफल है। इससे पिछले तीन दशकों से अधिक समय से विश्व परमाणु बिरादरी में अलग अलग पड़े भारत को अपनी पुनप्रतिष्ठा प्राप्त करने में मदद मिली है।
विषय सामयिक है, अत हम इस पर यह पुस्तक पाठकों के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। पुस्तक में परमाणु करार से संबंधित अद्यतन घटनाक्रम, भारत का परमाणु-इतिहास, करार के लाभ एवं हानियां तथा प्रतिष्ठित लोगों के परमाणु करार के विषय में विचारों को शामिल किया गया है। आशा है, सुधी पाठकों को पुस्तक पसंद आएगी।
भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार करके दोनों देशों ने पारस्परिक संबंधों को मजबूत बनाने का प्रयास किया है। इससे भारत पर पिछले दशकों से ज्यादा समय से लगी परमाणु-पाबंदियां हट जाएंगी। विश्व परमाणु बिरादरी से उसका अलगाव खत्म होगा और वह परमाणु आपूर्तिकता समूह (एनएसजी) के सदस्य देशों के साथ परमाणु व्यापार करने के साथ परमाणु ईधन और तकनीक प्राप्त कर सकेगा।
डॉ. सुनील जोगी देश के चर्चित व लाड़ले हास्य-व्यंग्य कवि हैं। उन्होंने लगभग ७५ पुस्तकों का प्रणयन किया है। विभिन्न राष्ट्रीय पत्रों में स्तंभ लेखन करने के साथ-साथ उन्होंने अनेक समाचार चैनलों पर भी अपनी अनूठी प्रस्तुतियों दी हैं। उन्होंने भारत के अतिरिक्त ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस, नार्वे, दुबई, मस्कट, सूरीनाम जैसे देशों में कई बार २५०० से अधिक कवि-सम्मेलनों में काव्य पाठ और संचालन किया है।
श्री जोगी ने अनेक कैसेटों व फिल्मों में गीत लेखन किया है। उन्होंने संसद भवन से लेकर विभिन्न मंत्रालयोंव राजस्तरीय अकादमियों में उच्च पदों पर कार्य किया है। वे अनेक राजनेताओं के सलाहकार हैं।
आज देश की नई पीढ़ी के कवियों में सबसे ऊर्जावान रचनाकार माना जाता है। मंच पर अद्भुत प्रस्तुति देने में आज उनका कोई सानी नहीं है।
परमाणु गाथा
₹95.00
भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार विभिन्न अंत्तराष्ट्रीय मंचों पर गत तीन वर्षों से चर्चा का ज्वलंत विषय रहा है। अब आईएईए व एनएसजी की मंजूरी मिलने के बाद यह अमेरिकी कांग्रेस में प्रस्तुत होने के बाद संपन्न होने गया है।
परमाणु करार भारत के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह व अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश के संयुक्त प्रयत्नों का प्रतिफल है। इससे पिछले तीन दशकों से अधिक समय से विश्व परमाणु बिरादरी में अलग अलग पड़े भारत को अपनी पुनप्रतिष्ठा प्राप्त करने में मदद मिली है।
विषय सामयिक है, अत हम इस पर यह पुस्तक पाठकों के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। पुस्तक में परमाणु करार से संबंधित अद्यतन घटनाक्रम, भारत का परमाणु-इतिहास, करार के लाभ एवं हानियां तथा प्रतिष्ठित लोगों के परमाणु करार के विषय में विचारों को शामिल किया गया है। आशा है, सुधी पाठकों को पुस्तक पसंद आएगी।
भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार करके दोनों देशों ने पारस्परिक संबंधों को मजबूत बनाने का प्रयास किया है। इससे भारत पर पिछले दशकों से ज्यादा समय से लगी परमाणु-पाबंदियां हट जाएंगी। विश्व परमाणु बिरादरी से उसका अलगाव खत्म होगा और वह परमाणु आपूर्तिकता समूह (एनएसजी) के सदस्य देशों के साथ परमाणु व्यापार करने के साथ परमाणु ईधन और तकनीक प्राप्त कर सकेगा।
डॉ. सुनील जोगी देश के चर्चित व लाड़ले हास्य-व्यंग्य कवि हैं। उन्होंने लगभग ७५ पुस्तकों का प्रणयन किया है। विभिन्न राष्ट्रीय पत्रों में स्तंभ लेखन करने के साथ-साथ उन्होंने अनेक समाचार चैनलों पर भी अपनी अनूठी प्रस्तुतियों दी हैं। उन्होंने भारत के अतिरिक्त ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस, नार्वे, दुबई, मस्कट, सूरीनाम जैसे देशों में कई बार २५०० से अधिक कवि-सम्मेलनों में काव्य पाठ और संचालन किया है।
श्री जोगी ने अनेक कैसेटों व फिल्मों में गीत लेखन किया है। उन्होंने संसद भवन से लेकर विभिन्न मंत्रालयोंव राजस्तरीय अकादमियों में उच्च पदों पर कार्य किया है। वे अनेक राजनेताओं के सलाहकार हैं।
आज देश की नई पीढ़ी के कवियों में सबसे ऊर्जावान रचनाकार माना जाता है। मंच पर अद्भुत प्रस्तुति देने में आज उनका कोई सानी नहीं है।
ISBN10-8128812181
Additional information
Author | Sunil Jogi |
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ISBN | 9790000000000 |
Pages | 112 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128812181 |