पर-कटी पाखी
पर-कटी पाखी
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बालक के माता और पिता, दो पंख ही तो होते हैं उसके, जिनकी सहायता से बालक अपनी बुलन्दियों की ऊँचे-से-ऊँची उड़ान भर पाता है। एक बुलन्द हौसला होते हैं, अदम्य-शक्ति होते है और होते हैं एक आत्म-विश्वास, उसके लिये, उसके माता और पिता।
इस उपन्यास में पाखी हर घटना का मुख्य पात्र है। उपन्यास की हर घटना पाखी के इर्द-गिर्द ही घूमती रहती है। पाखी के पिता सीबीआई अफसर भास्कर भट्ट जी की भ्रष्टाचारी और असामाजिक तत्वों के द्वारा हत्या करा दी जाती है। पाखी किस प्रकार से समाज और कानून की व्यवस्था से लड़कर उन्हें दण्डित कराती है, अत्यन्त रोचक घटना बन पड़ी है।
Additional information
Author | Anand Vishvas |
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ISBN | 9789351654810 |
Pages | 48 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Toons |
ISBN 10 | 9351654818 |