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फेंग शुई का शाब्दिक अर्थ जलवायु होता है न कि उसका तात्पर्य भवन निर्माण से है। चीन की इस विधा का भारतीय वास्तु शास्त्र की तरह उपयोग करना, स्वयं को धोखा देने के बराबर है। मूलत इसके अनेक कारण है। परंतु उसमें सबसे प्रमुख जो दो कारण है उसमें प्रथम यह कि फेंग शुई में जिन पंचमहाभूत तत्वोंकी सार्थकता को दर्शाया गया है। उसमें काष्ठ तथा वास्तु को तत्व बताया गया है जो पूर्णत लकड़ी और अग्नि को पंचतत्व बताया गया है इसमें वायु तत्व को ही गायब कर दिया गया है, जबकि यह सर्वविदित है कि बिना वायु के मूलतत्व की कल्पना और पूर्णत हास्यास्पद है, दूसरा कारण चीन के भौगोलिक परिवेश तथा भारतीय परिवेश में जमीन और आसमान का अंतर है। प्रस्तुत पुस्तक निश्चय की फेंग शुई जैसे अर्थ सत्य विधा तथा पूर्ण वैज्ञानिकता पर आधारित भारतीय वास्तुशास्त्र की सही तस्वीर आपके सामने रखेगी।
Author | Rajesh Tiwari |
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ISBN | 8128814958 |
Pages | 168 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128814958 |
फेंग शुई का शाब्दिक अर्थ जलवायु होता है न कि उसका तात्पर्य भवन निर्माण से है। चीन की इस विधा का भारतीय वास्तु शास्त्र की तरह उपयोग करना, स्वयं को धोखा देने के बराबर है। मूलत इसके अनेक कारण है। परंतु उसमें सबसे प्रमुख जो दो कारण है उसमें प्रथम यह कि फेंग शुई में जिन पंचमहाभूत तत्वोंकी सार्थकता को दर्शाया गया है। उसमें काष्ठ तथा वास्तु को तत्व बताया गया है जो पूर्णत लकड़ी और अग्नि को पंचतत्व बताया गया है इसमें वायु तत्व को ही गायब कर दिया गया है, जबकि यह सर्वविदित है कि बिना वायु के मूलतत्व की कल्पना और पूर्णत हास्यास्पद है, दूसरा कारण चीन के भौगोलिक परिवेश तथा भारतीय परिवेश में जमीन और आसमान का अंतर है। प्रस्तुत पुस्तक निश्चय की फेंग शुई जैसे अर्थ सत्य विधा तथा पूर्ण वैज्ञानिकता पर आधारित भारतीय वास्तुशास्त्र की सही तस्वीर आपके सामने रखेगी।