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“पिछले कुछ वर्षों से मैं नई दिल्ली के जी.बी. रोड (रेड लाइट एरिया) में कुछ तलाश कर रहा था। यकीन से कहूं तो ये मैं भी नहीं जानता था कि आखिर मैं क्या तलाश कर रहा हूं? सैकड़ों वेश्याओं से मिलने और उनसे बातचीत करने के बाद भी मेरी तलाश खत्म नहीं हुई थी। …और आज फिर एक खूबसूरत लड़की ‘एलीना’ के सामने था।
‘‘सर, आपने मुझसे केवल बात करने के लिये दस हजार रुपये पेड किये हैं। दिन में दस कस्टमर उपर-नीचे करती हूं। इन्सान की आंखें बता देती हैं कि वह क्या चाहता है। इतनी देर से तुम मेरी आंखों में यही सब देख रही थी। एलीना हां सर, मैं पैसे सेक्स करने के लिए लेती हूं, बात करने के लिए नहीं….. इसका मतलब तुम मुझसे बात नहीं करोगी….।
एलीना सर, मैं आपको बहुत अच्छी तरह से जानती हूं, फिर मैं आपसे बात क्यों नहीं करूंगी।
मैंने कहा कैसे?
एलीना कहती है मै फेसबुक पर किसी और नाम से आपकी फेन्ड हूं।’’
मुझे बड़ी खुशी हुई कि मैं आपके बारे में जो सोचती थी, आप उससे कहीं ज्यादा अच्छे निकले।
मैंने कहा एलीना, फेसबुक पर तुम किस नाम से मेरी फेन्ड हो?
एलीना ने बात टालते हुये कहा सर, जाने दीजिये और ये बताइये कि मुझसे क्या जानना चाहते हैं?।
मैंने कहा यही कि इतनी पाक-साफ लड़की इस ध्ंधे में कैसे आ गई। यदि मैं जे.एन.यू. से पास्डआउट लड़की को किसी एम.एन.सी. में देखता तो मुझे यह सब कुछ सामान्य लगता लेकिन एक चकले में उसे देखना… समझ से परे है।
एलीना ने मेरी नजरों में नजरें डालकर कहा – क्या वेश्यावृत्ति कोई बुरा काम है? “
Author | Kuldeep Chaubey |
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ISBN | 9789350839539 |
Pages | 168 |
Format | Paper Back |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Toons |
ISBN 10 | 9350839539 |
पिछले कुछ वर्षों से मैं नई दिल्ली के जी.बी. रोड (रेड लाइट एरिया) में कुछ तलाश कर रहा था। यकीन से कहूं तो ये मैं भी नहीं जानता था कि आखिर मैं क्या तलाश कर रहा हूं? सैकड़ों वेश्याओं से मिलने और उनसे बातचीत करने के बाद भी मेरी तलाश खत्म नहीं हुई थी। …और आज फिर एक खूबसूरत लड़की ‘एलीना’ के सामने था। ‘‘सर, आपने मुझसे केवल बात करने के लिये दस हजार रुपये पेड किये हैं। दिन में दस कस्टमर उपर-नीचे करती हूं। इन्सान की आंखें बता देती हैं कि वह क्या चाहता है। इतनी देर से तुम मेरी आंखों में यही सब देख रही थी। एलीना हां सर, मैं पैसे सेक्स करने के लिए लेती हूं, बात करने के लिए नहीं….. इसका मतलब तुम मुझसे बात नहीं करोगी….। एलीना सर, मैं आपको बहुत अच्छी तरह से जानती हूं, फिर मैं आपसे बात क्यों नहीं करूंगी। मैंने कहा कैसे? एलीना कहती है मै फेसबुक पर किसी और नाम से आपकी फेन्ड हूं।’’ मुझे बड़ी खुशी हुई कि मैं आपके बारे में जो सोचती थी, आप उससे कहीं ज्यादा अच्छे निकले। मैंने कहा एलीना, फेसबुक पर तुम किस नाम से मेरी फेन्ड हो? एलीना ने बात टालते हुये कहा सर, जाने दीजिये और ये बताइये कि मुझसे क्या जानना चाहते हैं?। मैंने कहा यही कि इतनी पाक-साफ लड़की इस ध्ंधे में कैसे आ गई। यदि मैं जे.एन.यू. से पास्डआउट लड़की को किसी एम.एन.सी. में देखता तो मुझे यह सब कुछ सामान्य लगता लेकिन एक चकले में उसे देखना… समझ से परे है। एलीना ने मेरी नजरों में नजरें डालकर कहा – क्या वेश्यावृत्ति कोई बुरा काम है?
ISBN10-9350839539
Books, Diamond Books, Mind & Body